68 दिनों में आयुर्वेदिक उपचार से 1228 बच्चे कुपोषण से हुए मुक्त
Ujjain @ उज्जैन प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां 68 दिनों में आयुर्वेदिक उपचार से 1228 बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं, जो कि 98 प्रतिशत है। उपचार का बच्चों के परिजनों से कोई शुल्क नहीं लिया है। अब शेष बचे 3743 बच्चों को छह माह में कुपोषण से मुक्त किया जाएगा। साथ ही यहां के माॅडल को प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के अंतर्गत 11 अप्रैल से शहर को कुपोषण से मुक्त करवाने का अभियान शुरू किया था, जिसमें देवास रोड, मक्सी रोड, जीवाजीगंज क्षेत्र व आगर रोड पर स्थित आंगनवाड़ी केंद्रों पर लगातार 75 शिविर लगाए जाकर कुपोषित बच्चों का आयुर्वेद पद्धति से उपचार किया, जिसमें मालिश, अश्वगंधा, शतावरी, मुलेठी व सोंठ से निर्मित खीर जिसे जनसहयोग से जुटाया और बच्चों को सेवन करवाया। इससे उनकी भूख बढ़ी है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है। उनके स्वास्थ्य में सुधार आया है। 16 शिविर पूर्ण हो चुके हैं तथा 34 शिविर चलाए जा रहे हैं। छह माह में सभी बच्चों को कुपोषण से मुक्त कर दिया जाएगा।