सिंधु दर्शन यात्रा के लिए उज्जैन से पहला जत्था रवाना
उज्जैन @ आज सिंधु दर्शन यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना हुआ। यात्रियों का रेलवे स्टेशन पर भव्य स्वागत किया गया। यात्री अपने साथ शिप्रा का जल भी ले गए है, पूजा-अर्चना के बाद वे शिप्रा के जल को सिंधू नदी में प्रभावित करेंगे। दल के सदस्य सिंधु नदी के तट लेह-लदाख में होने वाले उत्सव में भी शामिल होंगे।
सिंधु दर्शन यात्रा समिति के तत्वावधान में इस बार सिंधु दर्शन यात्रा के लिए श्रद्धालु उज्जैन से आज दोपहर को चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए। 19 जून को श्रद्धालु अनिवार्य रूप से चंडीगढ़ पहुंचकर आगे की यात्रा शुरू करेंगे। इस बार उज्जैन व आसपास के 100 श्रद्धालु यात्रा पर रवाना हुए है। इसमे 20 हजार रुपये तक प्रति यात्री खर्च होगा। मध्यप्रदेश सरकार इसमें पात्र लोगों को 50 प्रतिशत किराया दे रही है। लेह-लद्दाख, सिंधु नदी में स्नान आदि कर यात्रा 30 जून को जम्मू में समाप्त होगी। जम्मू से लोग उज्जैन आएंगे।
आज दोपहर को मालवा एक्सप्रेस द्वारा उज्जैन से यात्रियों को पहला जत्था रवाना हुआ। जिसमें उज्जैन से 25 यात्री शामिल हुए है। जबकि नागदा से 30 यात्री सिंधू दर्शन के लिए जा रहे है। जबकि आगर-मालवा से इसमें 24 यात्री भाग ले रहे है। ऐसे में उज्जैन व आसपास से 100 से अधिक यात्री इसमें शामिल हुए है। उज्जैन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर आज सभी यात्रियों का स्वागत किया गया। नगर निगम सभापति सोनू गेहलोत, अवधेशपुरी महाराज ने यात्रियों को हार पहनाया और बधाई दीं।
उज्जैन के यात्री यहां से शिप्रा का जल साथ लेकर जा रहे है। यात्रा के दौरान सभी वहां के धर्मस्थलों पर शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक- पूजा करेंगे। इसके बाद वहां से सिंधु नदी का जल लाकर यहां भगवान महाकाल का अभिषेक किया जाएगा। देश की समृद्धि, एकता और अखंडता के लिए इस यात्रा का प्रारंभ किया गया है। इस 21वीं यात्रा है। जिसमें देश के कई जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
अवधेशपुरी महाराज ने बताया कि 21 वर्ष पहले इस यात्रा की शुरूआत हुई थीं। लेह में विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर 3 दिन का विराट सम्मेलन वहां लगाता है। ढाई-तीन हजार लोग पूरे देश से और कुछ विदेश से भी आते है और वहां मंथन करते है। राष्ट्र मंगल कामना के लिए उज्जैन से 100 से ज्यादा यात्री जा रहे है।