महाकाल मंदिर में नियमित दर्शनार्थियों के लिए आचार संहिता बनाने की मांग
उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर विश्व प्रसिद मंदिर है एवं देश के कोने-कोने से भक्त दर्शन करने महाकाल मंदिर आते हैं। लेकिन महाकाल मंदिर में प्रतिदिन आने वाले दर्शनार्थी उनका ख्याल न रखते हुए मंदिर समिति के नियमों का धड़ल्ले से उल्लंघन कर रहे हैं। मंदिर समिति ने जो सुविधा दी है उसका उपयोग अवश्य करें लेकिन जो व्यवस्था प्रतिबंधित है उसका भी पालन करना चाहिये। लेकिन ऐसा न करते हुए मंदिर में अव्यवस्था फैलाना, निर्गम द्वार से न निकलते हुए पुनः प्रवेश द्वार से निकलना, जलद्वार एवं सूर्यमुखी हनुमान के द्वार का दूरपयोग किया जाता है। परिसर के मंदिर से लाईन लगाकर गर्भगृह तक जाना चाहिये। इन नियमों का पालन न करते हुए कभी कर्मचारियों से विवाद करते हैं तो कभी पुजारियों की झूठी शिकायत।
नियमित दर्शनार्थियों ने अपना लक्ष्य बना लिया है इस कारण मंदिर समिति को आचार संहिता बनाकर बाहर से आने वाले दर्शनार्थी, पुजारी, कर्मचारी को संरक्षण देना होगा। इस आशय का एक पत्र महाकाल सेना प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रमुख राजेश बैरागी ने महाकाल मंदिर समिति अध्यक्ष को लिखा है। पत्र में यह भी उल्लेखित किया है कि गणेशपुरी के संरक्षण में एक व्यक्ति प्रतिदिन आंेकारेश्वर द्वार से प्रवेश करता है और संपूर्ण आरती में चांदी के द्वार के पास खड़ा रहकर आम दर्शनार्थियों को दर्शन में व्यवधान पैदा करता है। अनेको बार कर्मचारियों ने वहां से हटने की बात कही तो महंत गणेशपुरी की धोस देकर पुजारी एवं कर्मचारियों को धमकाता है। जिस स्थान पर यह व्यक्ति खड़ा रहता है वह स्थान आम दर्शनार्थियों के लिये निषेध है। ऐसे दादागिरी करने वाले व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाने की मांग के साथ मंदिर समिति से आचार संहिता बनाकर व्यवस्था सुधारने की मांग की है।