उद्यमियों को प्रोत्साहित करने इंक्यूबेशन और स्टार्ट-अप नीति में बने चार क्लस्टर
प्रदेश में उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य सरकार ने इंक्यूबेशन और स्टार्ट-अप नीति बनायी है। नीति में निजी इंक्यूबेटरों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जायेगा। इससे राज्य के स्टार्ट-अप को अपने आसपास के क्षेत्र में एक मजबूत सहयोगी बुनियादी ढाँचा मिल सकेगा।
प्रदेश में एस्पायर स्कीम के तहत देवास क्षेत्र में लेदर और सतना में बाँस क्लस्टर के लिये एक-एक इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया गया है। ग्वालियर में टेक्सटाइल इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना के लिये 16 करोड़ रुपये की मंजूरी केन्द्र सरकार से मिली है।
न्यू टेक्नालॉजी सेंटर टूल-रूम
केन्द्र सरकार के सहयोग से टेक्नालॉजी सेंटर प्रोग्राम (टीसीएसपी) में रुपये 125 करोड़ की लागत से न्यू टेक्नालॉजी सेंटर टूल-रूम स्थापित किया जा रहा है। इस की स्थापना के लिये ग्राम अचारपुरा जिला भोपाल में 25 एकड़ भूमि आरक्षित की गयी है।
स्टेण्ड-अप योजना में 5 लाख लोगों को रोजगार
प्रदेश में पिछले वर्ष करीब 5 लाख 50 हजार युवाओं को केन्द्र सरकार की मुद्रा तथा स्टेण्ड-अप योजना में मदद दी गयी है। इस वित्तीय वर्ष में 7 लाख 50 हजार युवाओं को मुद्रा और स्टेण्ड-अप योजना में आर्थिक मदद पहुँचाकर स्व-रोजगार दिलवाया जायेगा।
क्लस्टरों का विकास
प्रदेश में क्लस्टरों के विकास के लिये भी तेजी से काम किया जा रहा है। उज्जैन में प्लास्टिक उद्योग को समर्पित एक आम सुविधा-केन्द्र के विकास के लिये परियोजना को मंजूरी दी गयी है। प्रदेश में यह पहला आम सुविधा-केन्द्र है। इसके साथ ही नमकीन एण्ड एलाइड क्लस्टर, करमदी, रतलाम, अपेरल क्लस्टर, विजयपुर, इंदौर, फूड क्लस्टर, बड़ौदी शिवपुरी और रेडीमेड गारमेंट पार्क, गदईपुरा ग्वालियर में अधोसंरचना विकास के लिये केन्द्र सरकार की मंजूरी प्राप्त हो गयी है। वस्त्र उद्योग में युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध कराने के लिये एकीकृत कौशल विकास योजना शुरू की गयी है। मार्च-2017 तक इसमें 2200 प्रशिक्षणार्थी को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
मुकेश मोदी