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शिक्षा जैसे पुनीत कार्य को व्यापार न बनने दें


फीस वृद्धि विषय पर हुई परिचर्चा में स्कूल शिक्षा मंत्री कुवंर विजय शाह  

स्कूल शिक्षा मंत्री कुवंर विजय शाह ने कहा है कि प्रायवेट स्कूलों में फीस वृद्धि एवं अन्य मुद्दों पर आम जनता के हितों को ध्यान रखते हुये राज्य सरकार नियम बनायेंगी। उन्होंने प्रायवेट स्कूलों के संचालकों से कहा कि वे प्रदेश में शिक्षा जैसे पुनीत कार्य को व्यापार न बनने दें। मंत्री कुवंर विजय शाह आज भोपाल में फीस में वृद्धि तथा अन्य अनुषांगिक विषय पर हुई राज्य-स्तरीय परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। परिचर्चा में स्कूल शिक्षा सचिव श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी, आयुक्त लोक शक्षण श्री नीरज दुबे एवं प्रदेश के अन्य जिलों से आये प्रायवेट स्कूल के संचालक शामिल हुए।

स्कूल शिक्षा मंत्री कुवंर विजय शाह ने कहा कि बच्चों में देशभक्ति की भावना को मजबूत करने के मकसद से सरकारी स्कूलों में राष्ट्रीय ध्वज के ध्वजारोहण को अनिवार्य किया गया है। उन्होंने प्रायवेट स्कूल संचालकों से भी अपने स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति में प्रतिदिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने का आग्रह किया। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि क्लास में पढ़ने वाले सभी बच्चों को बारी-बारी से आगे बैठने का मौका मिल सके, इसके लिये रोटेशन का नियम लागू किया जाये। उन्होंने कहा कि स्कूलों में उपहार स्वरूप पुस्तकें देने का भी प्रचलन बढ़ाया जाये।

मंत्री कुवंर विजय शाह ने कहा कि प्रायवेट स्कूल में फीस का निर्धारण करने के लिये पाँच स्लेब तैयार किये जाने का विचार है। स्कूल की स्थिति के आधार पर उन्हें उस स्लेब में रखा जायेगा। बैठक में बस फीस, प्रायवेट स्कूल में दिये जाने वाला दोपहर भोज, स्कूल की पाठपुस्तकें और यूनीफार्म के निर्धारण और वितरण की व्यवस्था पर भी चर्चा की गई। स्कूल शिक्षा मंत्री ने पैरेंटस मीटिंग और बाल सभा को नियमित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति और रीति-रिवाज की जानकारी शिक्षक अनिवार्य रूप से स्कूल लगने से पहले विद्यार्थियों को आवश्यक रूप से दें।

स्कूल शिक्षा सचिव श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने कहा कि प्रदेश की शालाओं में सीबीएससी पैटर्न को वर्ष 2017-18 से चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा। उन्होंने प्रायवेट स्कूल संचालकों से प्रामाणिक एनसीआरटी की पुस्तकों को ही वितरित करवाये जाने की बात कही। आयुक्त लोक शिक्षण श्री नीरज दुबे ने कहा कि प्रदेश के प्रायवेट स्कूल संचालक के प्रतिनिधियों से वर्ष में दो बार चर्चा की जायेगी, इससे प्रदेश में जन आकांक्षाओं के अनुरूप प्रायवेट स्कूलों का संचालन हो सकेगा।
मुकेश मोदी

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