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कटनी का हवाला कांड : निष्पक्ष जांच है जरूरी



डॉ. चंदर सोनाने
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                   अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा (आई ए एस) और अखिल भारतीय पुलिस सेवा (आई पी एस) के अधिकारी जब आमजन को ध्यान में रखकर अपने पदस्थ स्थान में सेवा भावना से और निष्पक्ष रूप से कार्य करते हैं , तब सामान्य जन उन्हें सिर आंखों पर उठा लेता हैं। ऐसा ही वाकया देखने और सुनने में आ रहा हैं कटनी में। कटनी में पदस्थ रहे पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने नोटबंदी के बाद अपने शहर कटनी के एक्सिस बैंक में मजदूरों , भिखारियों और दोस्तों के नाम खोले गए एक सौ से अधिक फर्जी खातों की जांच की तो एक के बाद एक रहस्य खुलते चले गए। इस पूरे मामले में करीब पांच सौ करोड रूपये के हवाला कांड के तार अवैध रूप से कोयला और खनिज का उत्खनन करने वाले कई माफियाओं से जुडे मिले। एसपी श्री गौरव तिवारी ने अपनी जांच में करीब एक सौ दो करोड़ रूपये के लेन देन के सबूत इकट्ठे कर लिए। जांच में प्रदेश के राज्यमंत्री श्री संजय पाठक और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नंदकुमार चौहान के पुत्र के लिप्त होने की जानकारी लगी तो रातों रात एसपी मनोज तिवारी का कटनी से न केवल स्थानांतरण कर दिया गया अपितु तत्काल उन्हें कार्यमुक्त भी कर दिया गया।  
                     सामान्यतः होता यही हैं कि शासन स्तर पर मुख्यमंत्री या अन्य मंत्रीगण अफसरों को ईमानदारी और निष्पक्ष रूप से कार्य करने की नसीहतें देते रहते हैं। लेकिन , जब कोई अधिकारी ईमानदारी से किसी प्रकरण का पर्दाफाश करता हैं तो सत्ता के केंद्र या संगठन के मुखिया को यह पसंद नहीं आता हैं। तब तुरंत ऐसे अधिकारी का स्थानांतरण कर उसे लूप लाईन में भेज दिया जाता है। उक्त प्रकरण में भी यही हुआ। सूत्र यह भी बताते हैं कि कटनी से एसपी गौरव तिवारी का स्थानांतरण कर उसे लूप लाइन में भेजने के जब आदेश होने लगे तो प्रदेश के पुलिस की मुखिया पुलिस महानिदेशक ऋषि शुक्ला अड़ गए। उन्होंनें सरकार को समझाया कि इससे मैसेज ठीक नहीं जाएगा। इस समय छिंदवाड़ा में पुलिस अधीक्षक  का पद रिक्त भी है। इसलिए वहां स्थानांतरण किया जा सकता हैं। इस कारण पुलिस अधीक्षक  को लूप  लाइन में भेजने की बजाय छिंदवाड़ा भेजा गया। 
                        कटनी में रहते हुए एसपी गौरव तिवारी को करीब छः माह ही हुए थे। इस अल्प अवधि में ही उन्होंनें अपनी दबंग कार्यषैली और निष्पक्ष छबि के कारण आमजन का दिल जीत लिया था। जैसे ही पुलिस अधीक्षक  के ट्रांसफर की बात आम लोगो ने सुनी तो तत्काल गैर राजनैतिक संगठन और सामाजिक संगठन एकजुट होकर सरकार के फैसले का मुखर विरोध करने लगे। पिछले चार दिन से कटनी में ही नहीं बल्कि आस पास के कस्बों में भी लोगों ने स्वप्रेरणा से अपनी दुकानें एवं व्यवसाय बंद रखकर जुलूस और रैली निकाली। यही नहीं उन्होनें धरना आंदोलन भी शुरू कर दिया। संयुक्त विपक्ष दल के नेताओं ने मांग रखी की इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी हैं कि राज्य मंत्री श्री संजय पाठक इस्तिफा देवें  और एसपी का तबादला निरस्त किया जाए। यही नहीं उन्होंने जब्त सभी दस्तावेजों की निष्पक्ष जांच करने की भी मांग रखी। 
                   एसपी की जांच के दौरान एस के मिनरल्स और हवाला जांच के दौरान जिन बोगस फर्मो का खुलासा हुआ था , उन्हीं बोगस फर्मो से करोड़ो रूपये से लेन देन राज्य मंत्री के परिवार और उनके सहयोगियों से जुडी फर्मो में किया जाना पाया गया। एसपी श्री गौरव तिवारी की जांच सही दिषा में चल ही रही थी कि उसे हर हाल मे रोकने के लिए रातों रात तबादला कर दिया गया। हवाला कांड से राज्यमंत्री श्री पाठक सहित बीजेपी के कई जिम्मेदार नेताओं के भी तार जुडे हुए पाये गए। इस हवाला कांड में सरावगी बंधुओं के भी तार जुडे हुए पाए गए। इन सरावगी बंधुओं के रिश्ते बीजेपी में बहुत ऊपर तक देखे जा रहे है। एसपी को अपनी जांच में 14 राज्यों के 300 से ज्यादा व्यापारियों से हवाला में लेन देन की जानकारी मिली थी। 
                 इस प्रकरण के उजागर होने पर राज्यमंत्री श्री संजय पाठक ने सरकार के मुखिया और संगठन के मुखिया को अपने व्यापार को हवाला से जुडा नहीं होने की सफाई दी हैं। गृहमंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह भी राज्यमंत्री के पक्ष में खडे हो गए हैं। मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचने पर उन्होंनें हालांकि यह साफ किया हैं कि हवाला कांड में कोई मंत्री हो या कोई अफसर, उन्हें छोड़ा नही जाएगा। यही नहीं उन्होंने इस पूरे प्रकरण की जांच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) से कराने की भी बात कही हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया हैं कि सरकार से आगृह करेंगे की ईडी इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करें। मुख्यमंत्री की यह घोषणा सराहनीय हैं। किंतु , मुख्यमंत्री ने  एसपी के ट्रांसफर को निरस्त करने संबंधी कोई टिप्पणीं नहीं की हैं। इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि एसपी का ट्रांसफर निरस्त करने के मूड में सरकार नहीं हैं। 
       मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ही छबि वर्तमान में प्रदेश में ही नहीं बल्कि प्रदेश के बाहर भी एक संवेदनशील मुख्यमंत्री की हैं। इसलिए उनसे सहज ही यह अपेक्षा की जा सकती हैं कि वे इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराएंगे। और दोषी कोई भी हो , उनके विरूद्ध कार्यवाही करने से वे रूकेंगे नहीं। किंतु , आमजन की भावनाओं का आदर करते हुए मुख्यमंत्री को एसपी के किए गए स्थानांतरण को निरस्त कर वापस कटनी में पदस्थापना कर के यह संकेत भी देना चाहिए कि वे आमजन के साथ हमेषा रहते हैं। 

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