आनन्द की अनुभूति के लिये एक्शन प्लान एवं गतिविधियों का निर्धारण करता है राज्य आनन्द संस्थान
उज्जैन। मध्यप्रदेश ने पिछले दस सालों में उल्लेखनीय विकास किया है। प्रदेश ने 2005-06 से 2013-14 के दौरान सकल राज्य घरेलू उत्पाद में प्रचलित दरों के आधार पर 16.09 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर प्राप्त की। यह विकास सूचकांक प्रदेश की भौतिक प्रगति इंगित करते हैं परन्तु इससे नागरिकों की खुशहाली का स्तर ज्ञात नहीं होता। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह ने अगस्त 2016 में आनन्द विभाग गठित करने का निर्णय लिया। उनका विचार है कि परिपूर्ण जीवन के लिए आंतरिक तथा बाह्य सकुशलता आवश्यक है। संतुलित जीवन शैली के लिए नागरिकों को ऐसी विधियां तथा उपकरण उपलब्ध कराना होंगे जो उनके लिए आनन्द का कारक बनें I
संस्थान के कार्य
- आनन्द एवं सकुशलता को मापने के पैमानों की पहचान करना तथा उन्हें परिभाषित करना।
- राज्य में आनन्द का प्रसार बढ़ाने की दिशा में विभिन्न विभागों के बीच समन्वयन के लिये दिशा-निर्देश तय करना।
- आनन्द की अवधारणा का नियोजन नीति निर्धारण और क्रियान्वयन की प्रक्रिया को मुख्यधारा में लाना।
- आनन्द की अनुभूति के लिये एक्श न प्लान एवं गतिविधियों का निर्धारण।
- निरन्तर अन्तराल पर निर्धारित मापदण्डों पर राज्य के नागरिकों की मन:स्थिति का आंकलन करना।
- आनन्द की स्थिति पर सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार कर प्रकाशित करना।
- आनन्द के प्रसार के माध्यमों, उनके आंकलन के मापदण्डों में सुधार के लिये लगातार अनुसंधान करना।
- आनन्द के विषय पर एक ज्ञान संसाधन केन्द्र के रुप में कार्य करना।
आनन्द उत्सव की प्रस्तावना
देश में अपनी तरह की अनूठी पहल है। जिसका उद्देश्य आनन्द एवं कुशलता के पैमाने की पहचान करना, उन्हें परिभाषित करना तथा उनका क्रियान्वयन कर जन-जन का जीवन आनन्दमयी बनाना है। सांस्कृतिक आयोजन तथा खेल, मानव की मानसिक, शारीरिक एवं भावनात्मक सकुशलता बढ़ाने में मुख्य कारक है। संयुक्त राष्ट्र संघ तथा अनेक देशों में नागरिकों के आनन्द की स्थिति के आंकलन के लिये अपनाये गये पैमानों का अध्ययन किया जा रहा है, ताकि उनकी अवधारणाओं को भी यथोचित और यथासंभव स्थान, राज्य के हैप्पीनेस इण्डेक्सके घटकों में दिया जा सके। हमारी गतिविधियां भारतीय परम्परा में आनन्द की अवधारणा पर केन्द्रित रहेंगी। राज्य शासन ने 14 जनवरी 2017 से 21 जनवरी 2017 तक पंचायत स्तरीय आनन्द उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। ग्रामीण भाई-बहन अपने गांव में नियोजित तरीके से खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का स्वत: आयोजन कर उसका आनन्द लेंगे। यह आयोजन हर वर्ष होगा और धीरे-धीरे इसका स्वरूप और बड़ा किया जायेगा।
आनन्द उत्सव में खेलों का चयन
ग्राम पंचायत स्तर पर आनन्ददायी खेलों का आयोजन कराया जाना है। खेल का स्वत: चयन कर सकते हैं। उदाहरण स्वरूप 100 मीटर एवं 200 मीटर दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकशी, कुश्ती, व्हालीबॉल, पांच किलो मीटर साइक्लिंग, चम्मच दौड़/नींबू दौड़, बोरा रेस, हैण्डबॉल, थ्रोबॉल, कोई भी अन्य खेल जिसे स्थानीय स्तर पर चयन किया जाये।
अन्य बिन्दु
- समूहवार कार्यक्रम एवं जनपदवार कार्यक्रम में खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम अन्तर्गत शामिल प्रतिभागियों को दिये जाने वाला प्रमाण-पत्र एवं मेडल की व्यवस्था स्थानीय तौर पर करना।
- तीन से चार ग्राम पंचायत मिलाकर एक समूह पंचायत होगी, जहां आनन्द उत्सव का कार्यक्रम सम्पन्न किया जायेगा।
- आनन्द उत्सव कार्यक्रम अन्तर्गत नियुक्त किये गये समूह के नोडल अधिकारियों, स्वयंसेवकों, शामिल जनप्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम जनपद स्तर पर आयोजित किया जाना।
- आनन्द उत्सव के कार्यक्रम हेतु स्थानीय स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, शिक्षक एवं अन्य विभागों के रूचि अनुसार कार्यकर्ता को उत्सव सम्पन्न कराने हेतु नियुक्त किया जाये।
- जहां खेलकूद आदि प्रतियोगिता की जा रही है, वहां स्वास्थ्य विभाग से फर्स्टएड बॉक्स सहित ड्यूटी लगाई जाये।
नेकी की दीवार की ‘परिकल्पना का क्रियान्वयन’
इस परिकल्पना के अन्तर्गत घरों में उपलब्ध दैनिक उपयोग का ऐसा सामान जो उन्हें आवश्यक नहीं है, वहां पर छोड़ सकते हैं एवं अपनी जरूरत की सामग्री बिना किसी से पूछे ले जा सकते हैं। सामान्यत: लोग ऐसे स्थानों पर कपड़े, बर्तन, जूते, खिलौने, किताबें जैसी सामग्री छोड़ते हैं। ऐसे स्थलों पर कपड़ों को व्यवस्थित रूप से टांगने के लिये तथा अन्य सामग्री को रखने के लिये शेल्फ की व्यवस्था कर दी जाती है। आनन्द विभाग की दृष्टि में यह प्रयास सिर्फ जरूरतमन्दों को उनकी आवश्यकता का सामान उपलब्ध करवाना ही नहीं, परन्तु यह भावनात्मक दृष्टि से ‘जॉय ऑफ गिविंग’ की गतिविधि है।
उपरोक्तानुसार गतिविधि उज्जैन शहर में दो-तीन स्थानों पर स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से प्रचलित है। अत: जिले की सभी जनपद स्तर पर नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी पहल कर इस परिकल्पना को क्रियान्वित करने हेतु जनमानस को प्रेरित किया जायेगा।
अन्य बिन्दु
- 50 वर्ष से ऊपर के महिला एवं पुरूषों का समूह बनाकर उनकी खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित करना।
- स्थानीय स्तर पर प्रचलित खेलों का चयन कर प्रतियोगिताएं आयोजित करना, जिससे सभी आयुवर्ग के लोगों को आनन्द की अनुभूति हो।
- प्रत्येक कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य लोगों को शामिल करने हेतु प्रेरित करना।
- आनन्द विभाग की वेब साइट www.anandsansthanmp.in पर आनन्दक हेतु स्थानीय स्तर पर रूचि रखने वाले सभी आयुवर्ग के लोगों का पंजीयन एवं आनन्दम सहयोगी हेतु भी पंजीयन किया जा रहा है।
- पंजीकृत आनन्दक एवं आनन्दम् सहयोगी को आनन्द उत्सव कार्यक्रम अन्तर्गत सभी गतिविधियों में शामिल किया जायेगा।
- आनन्द उत्सव अन्तर्गत की गई गतिविधियों की आनन्द विभाग की वेब साइट पर जानकारी एवं वीडियो अपलोड किये जायेंगे।
सांस्कृतिक गतिविधियां
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत लोक संगीत, नृत्य, गायन, लेखन, अंताक्षरी, कवि सम्मेलन, मांडना, संझा, भजन, हर ग्राम पंचायत समूह में आध्यात्मिक कीर्तन की प्रभात फेरियों का संचालन, जिसमें सभी आयुवर्ग की महिला एवं पुरूषों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। कार्यक्रम हेतु बनाये गये समूह के कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करना एवं खेलकूद प्रतियोगिता में शामिल लोगों को प्रमाण-पत्र एवं मेडल प्रदाय किया जायेगा।