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ध्वजारोहण के साथ प्रारंभ हुआ पांच दिवसीय चतुर्थ ब्रह्मोत्सव



बड़नगर रोड़ स्थित तिरूपतिधाम में पांच दिनों तक सुबह भगवान के अभिषेक, शाम को निकलेगी शोभायात्रा
उज्जैन। बड़नगर रोड़ पर हनुमान बाग के सामने स्थित तिरूपतिधाम में भगवान तिरूपति की प्राण प्रतिष्ठा के चार वर्ष पूर्ण होने पर श्रीमद् जगद्गुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्रीकांताचार्य महाराज के सानिध्य में चतुर्थ ब्रह्मोत्सव का आयोजन 7 से 12 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। जिसमें प्रथम दिन सोमवार को ध्वजारोहण और शेषावतार श्रीरामानुज स्वामीजी के महाअभिषेक से महोत्सव आरंभ हुआ। शाम को श्री रामानुजस्वामीजी की शोभायात्रा भी निकाली गई।
प्रचार प्रसार सचिव दिनेश सुखनंदन जोशी ने बताया कि श्रीकांत धर्मादाय परमार्थिक न्यास द्वारा आयोजित इस उत्सव में आज मंगलवार को प्रातः 9 बजे भगवती श्री महालक्ष्मीजी का महाभिषेक, 11 से 1 बजे तक हवन तथा रात्रि 7.30 बजे भगवती श्री महालक्ष्मीजी की शोभायात्रा निकलेगी। वहीं बुधवार को प्रातः 9 बजे भगवान श्री वेंकटेशजी महाभिषेक एवं भगवती श्री देवी भूदेवीजी तथा श्रीदेवी भूदेवी का अभिषेक होगा। रात्रि 7.30 बजे भगवती की शोभायात्रा निकलेगी। गुरूवार को प्रातः 9 बजे भगवती श्री देवी गोदम्बाजी का अभिषेक तथा रात्रि में 7.30 बजे शोभायात्रा निकलेगी। शुक्रवार को प्रातः 9 बजे भगवान श्री व्यंकटेश स्वामी मूल मूर्ति का अभिषेक तथा रात्रि 7.30 बजे भगवान की शोभायात्रा निकलेगी। शनिवार को प्रातः 9 बजे भगवान का नगर भ्रमण एवं शिप्रा में नृसिंहदेव, सुदर्शन भगवान का अभिषेक एवं शाम 7 बजे छप्पन भोग एवं प्रसादी का वितरण होगा। इसके साथ ही प्रतिदिन हवन 11 से 1 बजे तथा प्रबंध पाठ रात्रि 8 बजे से प्रतिदिन होगा। 5 दिनों तक होने वाले चतुर्थ ब्रह्मोत्सव में शामिल होने के लिए इंदौर, विदिशा, रतलाम, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, गाजियाबाद, सिकंदराबाद, वाराणसी, बंगलोर, हैदराबाद, कोल्हापुर, जलगांव सहित देशभर से भक्त उज्जैन पहुंच चुके हैं। आयोजन समिति के रणछोड़प्रसाद गनेड़ीवाल, राधेश्याम लोहोटी, नरेन्द्र गोयल, ओमप्रकाश बियाणी, धनराज कोठारी, महेन्द्र साबू, रामगोपाल मंत्री, जियालाल शर्मा आदि ने भक्तों से अधिक से अधिक संख्या में प्रतिदिन होने वाले आयोजनों में शामिल होकर धर्मलाभ लेने की अपील की है।
30 वर्षों तक अन्न न ग्रहण करने की ली प्रतिज्ञा
त्रिदंडीय स्वामीजी द्वारा स्थापित रामानुज संप्रदाय के स्वामी जगत स्वामी नारायणाचार्य के शिष्य श्रीकांताचार्यजी महाराज ने 108 पांच दिवसीय महालक्ष्मी नारायण यज्ञ करने का संकल्प लिया। साथ ही निरंतर 30 वर्षों तक अन्न न ग्रहण करने की प्रतिज्ञा भी की। साथ ही तिरूपति भगवान की स्थापना उज्जैन में करने का संकल्प भी लिया। भगवान तिरूपतिधाम का निर्माण पूर्ण होकर चार वर्ष पूर्ण हो चुके हैं।

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