top header advertisement
Home - आपका ब्लॉग << राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने की वकालात , लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हों साथ-साथ

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने की वकालात , लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हों साथ-साथ



डॉ. चन्दर सोनाने
 
           देश के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने हाल ही में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव देशभर में एक साथ होने की पैरवी की हैं। कुछ समय पूर्व ही देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देश भर में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ कराने की वकालात की हैं। प्रधानमंत्री के वक्तव्य के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. नसीम जैदी ने भी कहा कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव यदि एक साथ करने का निर्णय लिया जाता हैं तो निर्वाचन आयोग इसके लिए तैयार हैं।
             देश की तीन सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर  राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने जब लोकसभा और विधानसभा के चुनाव देश भर में एक साथ करने की पैरवी की हैं तो फिर क्या कारण हैं कि इस दिशा में ठोस कारवाई अभी तक आरंभ नहीं की जा सकी हैं ? देश के प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे समस्त मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों की इस संबंध में बैठक आयोजित कर सर्वानुमति बनाने का प्रयास करें। यह एक ऐसा काम हैं जिसके लिए सभी दलों की रजामंदी आवश्यक हैं। अलग अलग समय पर दिए गए वक्तव्य में लगभग सभी प्रमुख दल लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के पक्ष में तैयार दिखते हैं , किंतु उन्हें अभी तक एक मंच उपलब्ध नहीं हो पाया हैं, जहाँ वे अपना पक्ष रख सकें।
             देश के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अलग अलग समय में दिए गए अपने वक्तव्य में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ करवाने की पैरवी की हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सार्वजनिक रूप से अपने विचार व्यक्त करते हुए दोनों चुनाव एक साथ कराने की वकालात की हैं।  अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से भी कुछ मुख्यमंत्रियों के विचार एक साथ चुनाव कराने के पक्ष में सामने आये हैं। अभी  देश के समस्त राज्यों के मुख्यमंत्री के विचार सामने आना बाकी हैं।
            लोकसभा और विधानसभा चुनाव ही नहीं बल्कि समस्त नगरीय निकायों के और त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव भी एक साथ कराने की महती आवश्यकता हैं। एक साथ चुनाव कराने से जहाँ बार-बार चुनाव में होने वाले अनावश्यक खर्चो से बचा जा सकेगा, वहीं बार-बार चुनाव में लगने वाला समय भी बचेगा। लोकसभा और विधानसभा चुनाव ही नहीं बल्कि नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी एक साथ होने से बचने वाले हजारों करोड़ रूपये देश और प्रदेश के विकास कार्यो में काम आ सकेंगे, जिसकी आज बहुत आवश्यकता भी है।
               केंद्र शासन विशेषकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी यदि चाहें तो एक साथ चुनाव कराने के संबंध में लोगों का मत भी लिया जा सकता हैं। इस महत्वपूर्ण निर्णय पर सर्वानुमति बनाने की दिशा मे यह एक कारगर प्रयास हो सकता हैं। देश के विभिन्न राज्यों में एक साथ चुनाव कराने के संबंध में जनमत संग्रह कराने से विभिन्न राजनैतिक दलों को भी इस दिशा में निर्णय लेने में सुविधा हो सकेगी। अब इस दिशा में प्रयास केंद्र शासन विशेषकर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को करना हैं। वे यदि इस दिशा में ठोस कदम उठाकर सर्वानुमति बना सके और लोकसभा , विधानसभा, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ करा सके तो इससे देश का बहुत भला होगा।

-----------000-----------
 

 

Leave a reply