पाक को सबक लेने की जरूरत?
आए दिन पाकिस्तान में हो रहे हैं। पाकिस्तान आतंकी हमले से दहलता आ रहा है। आतंक को पनाह देता आ रहा पाकिस्तान धीरे-धीरे खुद इस क्रूर आतंक की आघोश में गुम होता जा रहा है। पूरी दुनिया यह जानती है कि पाकिस्तान अतंकवाद को जन्म देता है और फिर उसे पालपोस कर अतंकी बनाता है लेकिन यह पड़ोसी देश भूल जाता है कि सांप को कितना भी धूध पिला लो जब वह काटेगा तो जहर ही उगलेगा धूध नहीं। यही कारण है कि पाक में आए दिन आतंकी हमले होते हैं। आतंकियों को पनाह देना वाला पाकिस्तान खुद की आतंकियो का शिकार हो गया ये पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार नहीं हुआ इससे पहले भी पाकिस्तान कें कई आतंकी हमले हुये है पाकिस्तान से आतंकवाद पर यदि बातचीत करें तो वह चेत जाता है और अपने यहा पनप रहे आंतकियों से सिरे से नकार देता है लेकिन सही मायने में पाकिस्तान अभी सुधरा नहीं है अगर हम इसी साल की बात करें तो पाकिस्तान में खुद 8-9 आतंकी हमले हो चुके है दुनिया में आतंक के खिलाफ ढिडोरा पिटने वाले पाकिस्तान को खुद उसके ही आतंकियों ने कई बार गोलियों से छलनी किया है कई मासूमों की हत्यायें की है पाकिस्तान आज खुद बारूद के ढेर पर बैठा है। पाक को ही नहीं आतंक ने पूरी दुनिया को घेर रखा है। आतंक का कोई मजहब नहीं होता है। यह हम बखूबी जानते हैं। हाल ही में पाक में हुए आतंकी हमले में भारत का हाथ बताने वाले पाक के क्वेटा शहर बलूचिस्तान के सीएम ने भारत के सिर पर इसका आरोप मड़ा है वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी तालिबान (टीटीपी) से संबंधित आतंकी संगठन जमात-उर-अहरार ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस पर पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है। इस हमले में पाकिस्तान के क्वेटा शहर बलूचिस्तान में में सिविल हॉस्पिटल में सोमवार को हुए ब्लास्ट में 75 लोगों की मौत हो गई। घटना में 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इनमें ज्यादातर वकील जर्नलिस्ट थे। पाकिस्तान में होते आ रहे हमलों में कई हजार लोगों ने अपनी जान गवांई है फिर भी पाक आतंकियों को बनाने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ रहा है।
बलूचिस्तान में वकीलों पर लगातार हो रहे हैं हमले
इससे पहले 3 अगस्त को भी जहानजेब अल्वी नाम के वकील की भी कुछ हमलावरों ने हत्या कर दी थी, अल्वी की हत्या की निंदा करने वाले एक और वकील बिलाल कासी की भी सोमवार को हत्या कर दी गई, जून में बलूचिस्तान लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल बरिस्तर अमानउल्ला की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
बलूचिस्तान में 15 साल में 1400 हमले
बलूचिस्तान में पिछले 10-15 साल में आतंकी हमले बढ़े हैं। पिछले 15 साल में शिया और हजारा कम्युनिटी को टारगेट करके 1400 से ज्यादा हमले हो चुके हैं, बलूचिस्तान में 13 साल में करीब 38 सुसाइड अटैक हुए हैं, जिनमें लगभग 500 लोग मारे गए हैं, क्वेटा शहर में 2016 में 36 आतंकी हमले हुए हैं। इनमें 119 लोगों की मौत हुई है।
पाक से आजादी चाहता है बलूचिस्तान
बलूचिस्तान एरिया के हिसाब से पाकिस्तान का सबसे बड़ा (3,47,190 स्क्वेयर किलोमीटर) प्रांत है। इसका बॉर्डर ईरान और अफगानिस्तान से लगा है। यहां अलगाववादी पाक आर्मी की तैनाती का विरोध करते हैं। बलूचिस्तान के लोग पाकिस्तान से आजादी की मांग करते रहे हैं।
पाकिस्तान में 2012 से अब तक के आंकड़े डरावने
साल 2012 - 212 आतंकी हमले
साल 2013 - 74 आतंकी हमले
साल 2014 - 17 आतंकी हमले
साल 2015 - 20 आतंकी हमले
साल 2016 - 7 आतंकी हमले
एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल यानी 2014 में आतंकवाद की वजह से पाकिस्तान में 6173 लोगों की मौत हुई है। बात इसी साल की करें तो जनवरी से अब तक 7 बड़े हमले इस मुल्क को छलनी कर चुके हैं।
इसी साल 9 जनवरी को कोलदान और ग्वादर बंदरगाह के बीच आतंकियों की बिछाई लैंडमाइन की जद में तटरक्षकों का वाहन आ गया और धमाके से उसके परखच्चे उड़ गए। इस धमाके में तटरक्षक बल के 2 जवान मारे गए जबकि 3 घायल हुए थे। हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी ने ली थी।
बीती 13 जनवरी को पाकिस्तान के शहर क्वेटा के पास पोलियो सेंटर में हुए बम धमाके में 15 लोग मारे गए और कई घायल हुए।
बीती 20 जनवरी को बाचा खान विश्वविद्यालय में 20 लोग बंदूकधारी आतंकियों की गोलियों का शिकार हो गए।
सख्त कदम उठाने के लिए अब किसका इंतजार?
6 फरवरी को पाकिस्तान का एक सरहदी सैन्य दस्ता आत्मघाती हमले का शिकार हो गया जिसमें 9 लोग मारे गए और कई घायल हुए। इसी महीने की बात करें तो हाल ही में लाहौर के गुलशन-ए-इकबाल पार्क में हुआ आतंकी हमला महीने का तीसरा हमला है। इससे पहले 7 मार्च को चारसड्डा जिले में अंजाम दिए गए आत्मघाती धमाके में पुलिस के 3 सिपाहियों समेत 10 लोग मारे गए जबकि 14 अन्य घायल हो गए। 16 मार्च को पेशावर में सरकारी कर्मचारियों को ले जा रही बस में धमाका हुआ। 17 लोग मारे गए जबकि 53 लोग घायल हो गए। और अब महीने की 27 तारीख पाक बाशिदों के लिए मनहूस साबित हुई। ईसाई समुदाय के लोग ईस्टर मना रहे थे तभी लाहौर के गुलशन-ए-इकबाल पार्क में आत्मघाती हमले में 72 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। घायलों की तादात ढाई सौ के आंकड़े को पार कर गई है। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जमातुल अहरार ने ली।
पाकिस्तान के पेशावर में एक आर्मी स्कूल की वो वाददात को कोइ नहीं भूल सकता। पेशावर में एक आर्मी स्कूल में आतंकियों ने मौत का नंगा नाच दिखाया। आतंकियों ने बड़ी क्रूरता से बच्चों को मौत के घाट उतारा था। लेकिस इस खौफनाक मंजर को भी पाकिस्तान ने अंदेखा कर दिया। इस हमले में 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा बच्चे घायल हो गये थे। पाक हमेशा से आतंकवाद पर दूनयिा को दिखाने के लिए कहता कुछ और है और करता कुछ और है। पाक को को यह सीख लेना चाहिए कि आतंक किसी का सगा नहीं हो सकता है।