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सीएम के आदेश के बाद भी कर्मचारियों की मनमानी


मुख्यमंत्री मोहन यादव के सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों के सुबह 10 बजे से 6 बजे तक कार्यालय में रहने के आदेश के बाद दैनिक भास्कर की टीम ने उज्जैन के नगर निगम और विकास प्राधिकरण के कार्यालय में जाकर रियलिटी चेक किया और जाना की कर्मचारी और अधिकारी कितनी बजे कार्यालय में पहुंच रहे है और कब दफ्तर छोड़कर घर जा रहे है।

भास्कर की टीम शुक्रवार सुबह 10 बजे से पहले नगर निगम के मुख्य कार्यालय में जाकर देखा। तो पता चला कि सबसे पहले सफाई कर्मी नगर निगम के कार्यालय पहुंचकर अपना काम निपटा चुके थे। 10:05 पर हमने तहकीकात शुरू की तो नगर निगम में बने सिंगल विंडो में सभी विंडो खाली थी। विवाह पंजीयन के आए दो लोग लाइन में लगकर खड़े थे लेकिन उन्हें अटेंड करने वाले कर्मचारी नहीं पहुंचे थे।

थोड़ा आगे चले तो पूछताछ केंद्र भी खाली पड़ा था यहाँ भी कर्मचारी समय पर नहीं पहुंचे थे। हमारी टीम जब कमरा नम्बर 220 में पहुंची तो यहाँ 8 कर्मचारियों में से सिर्फ एक कर्मचारी मौजूद थे जो समय से पहले आगये थे। आठ कर्मचारी योगेश दावरे,नितिन परमार पूजा चौधरी, ज्योति चौहान और शेफाली चौहान समय पर नहीं पहुंची थी। इसी तरह उद्यानिकी, वित्त,सामान्य प्रशासन विभाग, जल कार्य, राजस्व,वित्त एवं लेखा,योजना एवं सूचना, सहित अन्य विभागों में गिनती के कर्मचारी पहुंचे थे , यहाँ सभी विभागों में बड़ी संख्या में कर्मचारी और अधिकारी भी नदारद थे।

इसी तरह गुरुवार शाम को कार्यालय छूटने के समय शाम 6 बजे से पहले 5:30 बजे भास्कर की टीम विकास प्राधिकरण के भरतपुरी कार्यालय में पहुंची , यहाँ हमने ग्राउंड फ़्लोर पर देखा तो पता चला कि यहाँ रिनोवेशन का काम चल रहा है इसलिए सभी कर्मचारी प्रथम तल पर है। प्रथम तल पर अधिकाँश कर्मचारी अपनी सीट पर मौजूद रहे लेकिन कुछ कर्मचारी गायब दिखाई दिए। उनके बारे में पूछने पर पता चाल की यही कार्यालय के काम से गए है कुछ देर में आ जायेंगे , लेकिन हमारी टीम 6:15 तक प्राधिकरण कार्यालय में रुकी यहाँ पर पता चला कि कुछ अधिकारी कर्मचारी समय से पहले ही निकल चुके थे।

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