विधायक का सवाल:नसबंदी वाले कुत्तों की पहचान और फॉलोअप कैसे किया जाता?
जवाब: ऑपरेशन के दौरान ही नसबंदी किए गए कुत्तों के एक कान की टिप थोड़ा-सा कतर दी जाती हैं ताकि उसकी स्थाई पहचान हो सके। शहर में बढ़ती डॉग बाइट (कुत्तों के काटने) की घटनाओं के बीच कांग्रेस के तराना के विधायक महेश परमार ने विधानसभा में भोपाल एवं उज्जैन नगर निगम में कुत्ता नसबंदी कार्यक्रम की जांच से जुड़ा कई बिंदुओं वाला सवाल पूछा था। इसके जवाब में ही उक्त जानकारी सामने आई। जवाब में ये भी बताया गया कि उज्जैन में कुत्तों की नसबंदी के लिए अपर आयुक्त, स्वास्थ अधिकारी तथा प्रभारी स्वास्थ निरीक्षक का दल गठित हैं।
शासकीय पशु चिकित्सालय द्वारा भौतिक सत्यापन किया जाता है। नसबंदी कार्यक्रम की निगरानी के लिए समिति गठित हैं। जानकारी में प्रस्तुत आंकड़ों में बताया गया कि उज्जैन में पांच वर्ष में 15235 कुत्तों की नसबंदी की गई। वर्ष 2018-19 में 3420, 2019-20 में 4192, 2020-21 में 3279, 2021-22 में 3171 और 2022-23 में 1173 कुत्तों की नसबंदी सह एंटीरेबिज टीकाकरण किया गया।
विधायक परमार के सवाल में यह बिंदू भी था कि कुत्तों के काटने व सड़क दुर्घटनाओं के कारण के मामलों में निगम प्रशासन द्वारा अब तक क्या कार्रवाई की गई? इसके जवाब में लिखा गया कि उज्जैन नगर में उक्त अवधि में आवारा कुत्तों के काटने एवं सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित प्रकरण अप्राप्त होने के कारण शेषांश का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
कुत्ते पीछे लगे तो संतुलन बिगड़ा और गाड़ी से नीचे गिरे, आईसीयू में भर्ती होना पड़ा
- कमरी मार्ग निवासी अली असगर पर नमक मंडी में कुत्तों ने हमला कर दिया था, वे गाड़ी से गिर गए थे। उन्हें आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था।
- फातिमा दानिश बच्चों को एक्टिवा से स्कूल छोड़ने जा रही थी, तभी कुत्तों ने हमला कर दिया था। संतुलन बिगड़ने से दोनों बच्चे गिर गए थे। उन्हें चोंट आई थी।
- आंध्र के रंगा रेड्डी से महाकाल दर्शन करने आए मुलुगु राजकिरण को मंदिर परिसर में कुत्ते ने पेट में काट लिया था। घटना तब हुई थी जब वे भस्मआरती करने के बाद परिसर में दर्शन करने जा रहे थे।
कलेक्टर के आदेश के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही
शहर में बढ़ती डॉग बाइट घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए हाल ही में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने इस समस्या को लेकर निर्देश दिए थे कि आवारा कुत्तों पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाएं। महाकाल मंदिर से भी डॉग्स को पकड़कर डॉग हाउस या अन्य निर्धारित स्थानों पर शिफ्ट करें। बावजूद ना तो शहर में ना ही मंदिर में कोई ठोस कार्रवाई होती दिखाई दे रही हैं। त्योहारों के मद्देनजर डॉग बाइट घटनाओं का समाधान जरूरी है।
जनवरी से जून तक 4 हजार से अधिक डाॅग बाइट के केस जिला अस्पताल आए
इधर जिला अस्पताल में इस साल जनवरी से जून तक 4 हजार 541 डाॅग बाइट के केस आए। जनवरी में 921, फरवरी में 797, मार्च में 668, अप्रैल में 741, मई में 757 और जून में 657 डॉग बाइट के केस आए। इनमें प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने वालों के आंकड़ा शामिल नहीं हैं, ना ही उन लोगों की संख्या शामिल हैं जो डॉग बाइट के दौरान एक्सीडेंट के भी शिकार हुए हैं।