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सख्ती का हाईटेक तरीका . जैसे बगैर हेलमेट वाहन चलाने पर घर पहुंचता है चालान, वैसे ही खनिज के अवैध परिवहन की भी होगी निगरानी


बगैर हेलमेट वाहन चला रहे हो या रेड सिग्नल में गाड़ी डाल दी हो। तत्काल मोबाइल पर 500 रुपए के चालान का मैसेज आ जाता है। न किसी पुलिसकर्मी की मौजूदगी और न ही सफाई देने का मौका। ऐसा ही खनिज विभाग में भी होने जा रहा है। खनिज के अवैध परिवहन पर सख्ती करने के लिए विभाग अब हाईटेक तरीका अपनाने जा रहा है। इससे खनिज का अवैध परिवहन संभव नहीं हो पाएगा।

प्रदेश स्तर पर जीयो पोर्टल को तैयार किया जा रहा है। इसमें हर शहर के उन प्रमुख रास्तों को चुना गया है, जहां से खनिज के अवैध परिवहन की गुंजाइश ज्यादा रहती है। इन रास्तों पर लगे सीसीटीवी को पोर्टल से कनेक्ट किया जा रहा है, वहीं विभाग के ई-पोर्टल पर रजिस्टर्ड डंपर और अन्य वाहनों को भी जीपीएस से लैस किया जाएगा, जिससे वाहन किस रास्ते से निकल रहे हैं और उनमें कितना खनिज भरा है। इसकी जानकारी विभाग को लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से मिल जाएगी। रायल्टी की रसीद के विपरीत भी अगर वाहन जाता है तो तत्काल कंट्रोल रूम पर मैसेज पहुंचेगा और वहां से स्थानीय अधिकारियों को अलर्ट भेज दिया जाएगा।

अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंचकर संबंधित वाहन पर जुर्माना कर पाएंगे। यही नहीं, अधिकारियों को मौके पर जाने की भी जरूरत नहीं होगी। संबंधित वाहन के नंबर के मालिक के नाम ही जुर्माना भी लगाया जा सकेगा। इससे खनिज के अवैध परिवहन को रोकने में काफी मदद मिलेगी। भोपाल स्तर पर सॉफ्टवेयर को तैयार किया जा रहा है। इसके शुरू होते ही खनिज चोरी करने वालों की मुश्किल बढ़ जाएगी।

शहर में तीन पाइंट की सूची भेजी, निकलते हैं 100 से अधिक वाहन शहर में मुरम और गिट्टी की 200 से अधिक खदान हैं और खनिज को डंपर के माध्यम से 100 से 150 वाहनों से ले जाया जाता है। इनके मार्ग भी तय है। पाल्याखेड़ी चौराहा, लालपुर (नागझिरी) और कानीपुरा रोड। शहर में खनिज का वैध और अवैध परिवहन इन्हीं मार्गों से होता है। विभाग ने तीनों चौराहों की सूची भोपाल भेज दी है। यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। इससे यह पता चल जाएगा कि वाहन में कितना खनिज भरा है। अगर उसकी रायल्टी नहीं दी गई और वाहन ओवरलोड है तो उसकी सूचना सीधे कंट्रोल रूम पहुंच जाएगी। कंट्रोल रूम से मिले मैसेज के आधार पर अधिकारी उन पर कार्रवाई कर सकेंगे।

जीयो पोर्टल से कार्रवाई में मिलेगी मदद ^भोपाल स्तर पर जीयो पोर्टल तैयार हो रहा है, जो ई-खनिज के पोर्टल से लिंक होगा। इसमें खदानों में कितनी खुदाई हुई और खनिज के अवैध परिवहन पर नजर रखना आसान होगा। हम ऑफिस से ही संबंधित पर जुर्माने की कार्रवाई कर सकेंगे। इससे खनिज के अवैध परिवहन को रोकने में मदद मिलेगी। - आलोक अग्रवाल, सहायक खनिज अधिकारी, खनिज विभाग

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