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लाखों की पोषाख पहनकर रथ पर सवार होंगे भगवान जग्गनाथ


इस्कॉन मंदिर में 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ, बलभद्रजी और सुभद्रादेवी की रथ यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा से पहले तीनों भगवान की पोषाख पर अंतिम काम चल रहा है। खास बात ये है की ये कोई आम पोषाख नहीं है। भगवान जग्गनाथ बलभद्रजी और सुभद्रादेवी के लिए मुम्बई जापान दिल्ली से मंगाए गए कपड़े और मोती और विशेष धागे से वस्त्र तैयार किये जा रहे है जिनकी कीमत लगभग 2 लाख रुपए बताई जा रही है।

उज्जैन इस्कॉन मंदिर की 7 जुलाई को निकलने वाली जग्गनाथ यात्रा के लिए रथ तैयार है साथ ही भगवान के लिए वस्त्र भी बनकर तैयार हो चुके है। भगवान की ड्रेस के लिए बंगाल से 8 कलाकर उज्जैन इस्कॉन मंदिर में पहुंचे और करीब 20 दिन से भगवान की पोषाख तैयार कर रहे है। कलाकार निर्मल दास ने बताया कि भगवान जगन्नाथ, बलभद्रजी और सुभद्रादेवी के लिए इस बार रामा ग्रीन रंग के कपडे से ड्रेस तैयार की जा रही है। जिसमें सूरत का सिल्क कपडा 15 मीटर, दिल्ली से आया हाई क्वालिटी मोती, रेशम धागा,सितारे के साथ ख़ास सफेद वर्क किया जा रहा है। इनके साथ ही निल माधव की ड्रेस भी तैयार होगी। पहली बार उज्जैन इस्कॉन मंदिर 17 जगह पर यात्रा निकाल रहा है जिसमें नागदा तराना मंदसौर नीमच छिंदवाड़ा सिवनी गुना सहित अन्य शहर शामिल है।

7 जुलाई आषाढ़ शुक्ल द्वितीया के दिन होने वाली रथ यात्रा में रथों को पूर्व रात्रि को ही मंडी तिराहा पर खड़ा कर दिया जाएगा। सुबह से रथ की साज सज्जा शुरू हो जाएगी। सुबह 11 से दोपहर 12 बजे के बीच भगवान विराजमान करवाएंगे जाएंगे। उनका श्रृंगार आदि करके पूजा, आरती की जाएगी। दोपहर 2 बजे रथ तैयार हो जाएगा। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र भावसिंह लोधी रथ की अगवानी करेंगे। साधु, संतों,जनप्रतिनिधियों और देश विदेश से आए कई भक्त इसमें सहभागिता करेंगे।

मंडी गेट से शुरू होने वाली यात्रा ने बच्चे कृष्ण और गोपियों के रूप में एवं यूक्रेन और रशिया से विदेशी भक्तों का समूह कीर्तन करता हुआ निकलेगा। जगन्नाथ रथयात्रा की सवारी 1 किलोमीटर से ज्यादा दायरे में होगी। बुंदेलखंड से अहीर नृत्य ग्रुप, कोरकू जनजाति नृत्य मंडली और गोंड जनजाति नृत्य से भगवान जगन्नाथजी की स्तुति, जय घोष करते हुए विदेशी भक्तों की कीर्तन मंडली कीर्तन करते सहभागी बनेगी।

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