कई क्षेत्रों में बिजली बंद:स्मार्ट सिटी ने 26 हजार स्ट्रीट लाइट पर 12 करोड़ और निगम ने 50 लाख किए खर्च, फिर भी अंधेरा
शहर में स्मार्ट सिटी ने 54 वार्डों में 26 हजार स्ट्रीट लाइट लगवाई थी, जिसके लिए 12 करोड़ रुपए का ठेका दिया गया। ठेकेदार से अनुबंध किया था कि उसे लाइट लगाकर लगभग 7 सालों तक मेंटेनेंस भी करना है। टेंडर में स्थिति तय की गई थी कि अगर किसी भी क्षेत्र की लाइट खराब होती है तो कंपनी को उसे 48 घंटे में सही करना होगा लेकिन कंपनी ने दो साल के अंदर ही मेंटेनेंस का काम आधा छोड़ दिया और अब स्मार्ट सिटी और नगर निगम दोनों ही इन लाइट के मेंटेनेंस में असफल साबित हो रही है।
स्मार्ट सिटी और ठेकेदार के बीच हुए टेंडर की गड़बड़ी का भुगतान जनता को चुकाना पड़ रहा है। कंपनी के खिलाफ अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, न ही इस मामले में जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी समझ रहे हैं। शहर में लगी इन लाइट की क्वालिटी इस तरह है कि हर कुछ दिनों में इन्हें मेंटेनेंस की जरूरत है। वर्तमान में लगाई 26 हजार में से लगभग आधी लाइटें बंद है। प्रत्येक वार्ड में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां की स्ट्रीट लाइट बंद न हो या हर दो दिन में खराब नहीं होती है। कंपनी के जाने के बाद इन लाइट के मेंटेनेंस का काम अभी नगर निगम देख रही है। शहरवासियों का कहना है कि सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बावजूद लाइटें सही नहीं होती व इस पर निगम से कहा जाता है कि उनके पास सामान ही नहीं है या कर्मचारी नहीं है। शहर के क्षेत्र अंधेरे में डूबे हैं और जहां लाइट हैं, वहां भी सुधार के कुछ दिन बाद ही लाइट फिर खराब हो रही है।