7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की दो रथ यात्राएं
भगवान जगन्नाथ की दो रथ यात्रा 7 जुलाई को शहर में निकलेंगी। इस्कॉन मंदिर की रथयात्रा दोपहर 2 बजे से आगर रोड से निकलकर इस्कॉन मंदिर आएगी। इस्कॉन की यात्रा में इस बार तीन रथ शामिल किए जा रहे हैं। वहीं, खाती समाज की प्राचीन रथ यात्रा कार्तिक चौक स्थित श्री जगदीश मंदिर से दोपहर 3 बजे प्रारंभ होकर पुराने शहर में निकाली जाएगी। इस दौरान रथ में सवार भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए शहर के विभिन्न मार्गों में श्रद्धालु उमड़ेंगे। इस्कॉन की यात्रा में इस बार यात्रा प्रारंभ होने का मार्ग चेंज किया है।
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा इस बार भी शहर के दो स्थानों से निकलेगी। दोपहर करीब दो बजे से इस्कॉन मंदिर की रथ यात्रा इस बार आगर रोड मंडी चौराहा से प्रारंभ होगी। इसके पहले यह यात्रा निकास चौराहे से शुरू होकर फ्रीगंज आती थी। रथ यात्रा में इस्कॉन के भक्त सोने की झाडू से सड़क बुहारते हुए चलेंगे। इस्कॉन की भजन मंडली के सदस्य रथ के आगे गाते - नाचते हुए चलेंगे। रथ पर भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमाएं रहेंगी। भक्त रस्से से रथ को खींच कर आगे बढ़ाएंगे।
इस्कॉन की रथ यात्रा चामुंडा माता चौराहा, फ्रीगंज ब्रीज, टावर चौक, तीन बत्ती चौराहा होकर देवास रोड़ से इस्कॉन मंदिर पहुंचेगी। पीआरओ राघव पंडित दास प्रभु ने बताया कि इस बार की यात्रा में विदेशी भक्तों में यूक्रेन व रसिया की भजन मंडली भी शामिल होगी। तीन वाहनों पर वैष्णव संप्रदाय की झांकी के साथ ही अलग-अलग क्षेत्र के लोक नृत्य के दल भी प्रस्तुति देते हुए चलेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी सपरिवार शामिल होंगे। संस्कृति मंत्री धर्मेंद लोधी भी शामिल होंगे।
कार्तिक चौक से निकलेगी 114वीं रथ यात्रा
7 जुलाई को ही दूसरी रथ यात्रा कार्तिक चौक स्थित श्री जगदीश मंदिर से दोपहर 3 बजे से खाती समाज की निकलेगी। अभा चंद्रवंशी क्षत्रिय खाती समाज के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र देथलिया ने बताया कि इस बार समाज द्वारा 114 वीं रथ यात्रा के लिए रथ संवारने का कार्य चल रहा है। सजे हुए रथ पर भगवान की प्रतिमाओं को विराजित कराने के बाद यात्रा दोपहर दो बजे के बाद जगदीश मंदिर से प्रारंभ होगी।
यात्रा में शामिल होने के लिए खाती समाज के 12 जिलो से महिला-पुरूष, युवा और बच्चे शामिल होते है। 12 प्रकोष्ठ के पदाधिकारी व सनातन धर्मप्रेमी जनता शामिल होती है। पूरे वर्ष भर इस दिन का इंतजार रहता है। यात्रा के दौरान कई स्थानों पर स्वागत किया जाता है।
यात्रा में बैंडबाजे और झांकियां भी शामिल रहेगी। यात्रा दानीगेट, ढाबा रोड, कंठाल, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, गुदरी चौराहा होते हुए पुन: जगदीश मंदिर पहुंचेगी। रात्रि में महाआरती के बाद समाज के करीब 50 हजार लोगों का भंडारा धाकड़ धर्मशाला में आयोजित होगा। वहीं रथ यात्रा के समापन पर प्रसाद वितरण किया जाएगा।