बच्चे सीखेंगे मिट्टी के खिलौने, मुखौटे निर्माण, मेकअप और नृत्य करना
उज्जैन | रंगमंच सहज रूप से व्यक्तित्व का विकास करता है। बालमंच और परिष्कृति संस्था की नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि नृत्य विद् राजकुमुद ठोलिया ने प्रशिक्षणार्थियों के बीच यह बात कही। विशिष्ट अतिथि डॉ. मिश्र दंपती ने अपने रंगमंचीय अनुभवों को साझा किए। अमिताभ विश्वास, संजय रघुवंशी आदि विद्वानों ने भी बच्चों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम में परिष्कृति संस्था के अध्यक्ष सतीश दवे ने शिविर की रूपरेखा बताते हुए कहा कि बच्चों को ओरीगामी, मिट्टी के खिलौने, मुखोटे निर्माण, मेकआप, नृत्य, संगीत तथा अभिनय का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बच्चों के लिए प्रशिक्षण का समय शाम 5 से 6 बजे रखा गया है, जो जरूरत के हिसाब से बढ़ा दिया जाएगा। बालमंच के सचिव हर्षित शर्मा ने बताया कि बालमंच बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए कार्यरत है। कार्यक्रम में प्रशिक्षक सुदर्शन स्वामी, प्रशांत राजपूत, शिरीष सत्यप्रेमी सहित बड़ी संख्या में बच्चे शामिल थे।