top header advertisement
Home - उज्जैन << संत शिरोमणि रविदासजी भक्ति काल के महान कालजयी संत थे

संत शिरोमणि रविदासजी भक्ति काल के महान कालजयी संत थे


संत शिरोमणि रविदासजी भक्ति काल के महान कालजयी संत थे। उन्होंने समाज में व्याप्त ऊंच, नीच विद्रुपताओं, विषमताओं के विरुद्ध विद्रोह के स्वर मुखर किए। संत रविदास समाज में सदभाव, प्रेम और अध्यात्म चेतना के अग्रदूत थे। कवि अशोक भाटी ने संत शिरोमणि जगत गुरु रविदासजी की 647वी जयंती पर मध्यप्रदेश दलित साहित्य अकादमी शोध केंद्र सभागृह में आयोजित काव्य महोत्सव एवं परिचर्चा में मुख्य अतिथि के रूप में यह बात कही।

अध्यक्षता करते हुए अकादमी के अध्यक्ष निदेशक डॉ. हरिमोहन धवन ने कहा कि संत रविदासजी की रचनाएं सैकड़ों वर्षों से समाज का मार्गदर्शन कर रही हैं। प्रारंभ में अतिथियों ने संत रविदासजी के चित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। भजन गायक बाल कलाकार लक्ष ललावत, अयान बड़गोत्या ने भजनों से गुरु वंदना प्रस्तुत की।

अकादमी के सचिव पीसी बैरवा ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखी। सामाजिक सदभाव, प्रेम, अध्यात्म जागृति में संत रविदास की भूमिका विषय पर परिचर्चा में आमंत्रित वक्ता डॉ. हेमलता बिलावल, राजकुमार टाटावत ने विचार रखे। सूत्रधार डॉ. रमेशचंद्र चांगेसिया प्रभात के संचालन में आयोजित काव्य महोत्सव में कवि भाटी, डॉ. सुरेश यादव, मोहन बैरागी, कुमार संभव, विक्रम विवेक, अनिल सवैया, महेश सोनी ने काव्यपाठ किया।

Leave a reply