कोरोना वेक्सीन के बाद अब लगवाना पड़ेगा ये टीका, जानें किसे और क्यों लगेगा
पोलियो की दो बूंद, कोरोना वैक्सीन के बाद हो सकता है कि अब हर किसी को बीसीजी के टीके लगाना भी जरूरी कर दिए जाएं। दरअसल टीबी संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों को लगने वाला बीसीजी टीका पहली बार जिले में व्यस्कों को भी लगाने की योजना है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ऐसे लोगों को लेकर सर्वे कर रहा है जो टीका लगाने के क्राइट एरिया में आते हैं। उज्जैन कम्परेटिव जिले में शामिल है इसलिए दूसरे जिलों में टीके के परिणामों के आधार पर यहां टीकाकरण संबंधित कदम उठाए जाएंगे।
भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रदेश के कुछ जिलो में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी बीसीजी वेक्सीनेशन किया जाएगा। इसके अलावा 26 जिले कम्परेटीव श्रेणी में रखे गए हैं। कम्परेटिव से आशय ऐसे जिलों से है जहां अन्य जिलों में हो चुके टीकाकरण के परिणामों के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। इसलिए इन 26 जिलो में टीकाकरण से पूर्व सर्वे किया जा रहा है। उज्जैन को भी कम्परेटिव जिले में शामिल किया गया है। योजना अंतर्गत सर्वे कार्य जारी है। संभावना है कि फरवरी अंत तक स्वास्थ्य विभाग अपना सर्वे पूरा कर लेगा। इसके बाद बीसीजी टीकाकरण के लिए चयनित लोगों की सूची तैयार होगी। निकट भविष्य में जब कम्परेटिव जिलों में टीकाकरण की बारी आएगी, तब उज्जैन में भी व्यस्कों को पहली बार यह टीका लगाया जाएगा।
बीसीजी (बैसिलस कैल्मेट-गुएरिन) टीबी संक्रमण से बचाने में मददगार होता है। अभी तक यह बच्चों को ही लगाया जाता था। अब इसे बड़ों में प्रयोग किया जा रहा है।
टीके के लिए सर्वे में इन्हें करेंगे शामिल
- पांच वर्ष पहले के टीबी पेशेंट हैं
- पांच वर्ष पहले के टीबी मरीज के परिजन
- शुगर व बीपी के मरीज
- 60 वर्ष से अधिक आयु वाले
- धूम्रपान करने वाले
- जिनका बीएमआई 18 से कम हो
इनका कहना है
टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए वयस्को को भी बीसीजी टीका लगाने की योजना है। उज्जैन को कम्परेटिव जिले में शामिल किया गया है। इसलिए अभी सर्वे कर लाभार्थियों की सूची तैयार की जाएगी।