अन्तःकरण से शक्ति चली जाए तो प्राणी शव के समान -पं. व्यास
उज्जैन | संसार के सभी प्राणियों को मोह में डालने वाली महामाया है। समस्त प्राणी माया के अधीन हैं। उसी महामाया के प्रभाव से प्राणी मोह में जकड़ा रहता है। इनकी शक्ति से ही समस्त विश्व गति कर रहा है। संपूर्ण प्राणियों के भीतर शक्तिमयी देवी विराजमान हैं। यदि अंत:करण से शक्ति चली जाए तो प्राणी शव के समान प्रतीत होने लगता है। संपूर्ण प्राणियों का दुःख दूर करने के लिए भगवती जगदंबा अनेक रूप धारण करके प्रकट होती है। भगवती का चरित्र हम सभी के लिए कल्याण करने वाला है।
यह बात पं. अजय व्यास ने महाकाल वाणिज्य केंद्र सी-सेक्टर स्थित मंगलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीदेवी भागवत महापुराण कथा के अंतिम दिन रविवार को भक्तों को कथा सुनाते हुए कही। उन्होंने कहा मोह-अज्ञान का नाश कर माता भगवती सभी के भय को दूर करती हैं। इसमें बताए मां दुर्गा की उपासना द्वारा हम अपने जीवन में निराश और नकारात्मक विचारों को दूर कर आनंदमय मार्ग पर गमन कर सकते हैं, जो जिस किसी भी बहाने से सोते, बैठते, चलते, खाते-पीते समय भगवती का निरंतर स्मरण करते हैं, वह सब प्रकार के संकटों से मुक्त हो जाते हैं, इसमें कोई संशय नहीं है।
पुराण व शास्त्र ग्रंथों पर श्रद्धा-विश्वास रखकर चलने से साधक भक्तों का सदैव कल्याण व मंगल ही होता है। विप्रों के लिए माता गायत्री की आराधना आवश्यक है। भक्त मंडल के कथा आयोजन में पं. व्यास ने नौ दिनों तक सरल और भावपूर्ण शैली में श्रीदेवी भागवत महापुराण की कथा सुनाई । महाप्रसाद वितरण किया गया।