महाकाल मंदिर क्षेत्र होगा नो व्हीकल जोन, केवल अनुबंधित ई-रिक्शा चलेंगे, जिम्मेदार ही व्यवस्था लागू नहीं करवा पाए
शहर में ई-रिक्शा के कारण लगातार यातायात व्यवस्था बिगड़ रही हैं। जिम्मेदार अधिकारी स्वयं इस बात को कई बार बैठकों में स्वीकार चुके हैं। दो वर्ष से तो केवल अधिकारी इस समस्या के समाधान के लिए प्लान ही बनाते आ रहे हैं लेकिन समाधान नहीं करवा पा रहे हैं। नतीजा खासकर महाकाल मंदिर व पुराना शहर क्षेत्र में आए दिन चक्काजाम की स्थिति बन रही है।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के डाटा के अनुसार तो शहर में पंजीकृत ई-रिक्शा करीब 9500 हैं लेकिन वास्तव में इनकी संख्या इससे कई अधिक बताई जा रही है। यहीं नहीं लगातार नए ई-रिक्शा भी शहर में आ रहे हैं। इससे समस्या का समाधान होने की बजाय और हालात बिगड़ रहे हैं। ऐसे में जिम्मेदारों के सामने दोहरी चुनौती खड़ी होती जा रही हैं। एक तो यह कि जो भी लोग ई-रिक्शा के कारोबार से जुड़े हैं, उनके रोजगार नहीं छीने और इन वाहनों के चलते चक्काजाम की समस्या भी नहीं रहे। बहरहाल उम्मीद की जा रही हैं कि प्रशासन इस बार ठोस प्लानिंग पर काम कर रहा है और जल्द ही इस समस्या का समाधान होगा।
जानिए जिम्मेदारों ने क्या तय किया था, क्या हुआ कब : पिछले वर्ष यह तय किया था: महाकाल मंदिर क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित करेंगे। यहां केवल अनुबंधित ई-रिक्शा ही चलेंगे। आगे यह हुआ: जिम्मेदार व्यवस्था लागू नहीं करवा पाए। समस्या जस की तस बनी हुई है। अब- 10 फरवरी 24 को यह तय किया: जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में तय किया कि ई-रिक्शाओं के अलग-अलग कलर कोड रहेंगे। ये अपने-अपने जोन वाले रूट में संचालित हो सकेंगे। आगे यह हुआ: एक सप्ताह में ये व्यवस्था करना थी। रूट का जोनल प्लान बनकर तैयार हुआ है, फाइनल होना बाकी।