छोटी कालीसिंध नदी पर स्थित बिरगोद डेम के जल को संरक्षित घोषित किया आदेश का उल्लंघन सिद्ध होने पर दो वर्ष का कारावास
उज्जैन 16 फरवरी। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री नीरज कुमार सिंह ने उज्जैन जिले के
तराना नगर के पेयजल का एकमात्र पेयजल स्त्रोत कालीसिंध नदी पर स्थित बिरगोद डेम है, जिन्हें जन-
साधारण को घरेलु प्रयोजन के लिये जल उपलब्ध कराने की दृष्टि से बिरगोद डेम के जल को पेयजल
परिरक्षण अधिनियम-1986 की धारा-3 में उपलब्ध प्रावधानों के अनुसार उक्त डेम के जल को संरक्षित
घोषित किया है। कलेक्टर ने यह आदेश अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तराना के प्रस्ताव अनुसार सिंचाई
से पानी के दोहन के कारण ग्रीष्मकाल में तराना नगर में जल संकट होने की स्थिति उत्पन्न होने की
प्रबल संभावनाओं को देखते हुए जारी किया है।
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री नीरज कुमार सिंह ने इस सम्बन्ध में आदेश जारी कर दिया
है। आदेश के तहत पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986 की धारा-03 में उपलब्ध प्रावधानों के अनुसरण में
जन-साधारण को घरेलु प्रयोजन के लिये जल को संरक्षित घोषित कर दिया है। कलेक्टर ने राजस्व
अनुविभागीय अधिकारी तराना एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस तराना एवं सीएमओ तराना को यह
निर्देश दिये हैं कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि जल का उपयोग केवल घरेलु प्रयोजन के लिये हो। यह
उनका उत्तरदायित्व होगा कि वे अन्य प्रयोजन के लिये उनके अधिकार क्षेत्र में जल उपयोग करते पाये
जाने की स्थिति में मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम अथवा इस विषय पर प्रभावशील अन्य उपबंधों के
अधीन आवश्यक वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। नगर परिषद तराना, राजस्व विभाग एवं विद्युत
मण्डल के दल तराना स्थित बिरगोद स्टापडेम पर चल रहे या चलने वाले अवैध पम्पों को जप्त करने की
कार्यवाही करेंगे।
उक्त आदेश का उल्लंघन किये जाने पर अधिनियम-1986 की धारा-9 के प्रावधान आकृष्ट होंगे,
जिसके अन्तर्गत आदेश का उल्लंघन सिद्ध पाये जाने पर दो वर्ष का कारावास अथवा दो हजार रुपये का
जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने की व्यवस्था है। उक्त आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है।