मेडिकल बोर्ड की राशि जमा नहीं करने पर आरएमओ ऑफिस के कर्मचारियों को हटाने के आदेश
जिला अस्पताल के मेडिकल बोर्ड को मिलने वाली राशि को रोगी कल्याण समिति व शासन मद में जमा नहीं करने तथा डॉक्टर्स को शेयर मनी नहीं दिए जाने के मामले में जिला अस्पताल प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। इसमें आरएमओ ऑफिस के कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए हैं। कार्रवाई के चलते कर्मचारियों ने 80 प्रतिशत तक राशि जमा करवा दी है।
यह मामला सामने आने के बाद अब जिला अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड की राशि को लेकर नई व्यवस्था लागू की है। इसमें माह के अंत में हिसाब किया जाएगा। राशि सीधे रोकस में जमा होगी तथा डॉक्टर्स की सूची लगाई जाएगी और उनके खाते में सीधे राशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। चार साल से मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर्स की शेयर मनी व रोकस तथा शासन के कोष में आरएमओ कार्यालय के कर्मचारियों ने करीब दो लाख रुपए जमा नहीं कराए थे। मामला सामने आने के बाद कलेक्टर नीरजकुमार सिंह ने कार्रवाई के आदेश दिए थे, जिसके बाद सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा ने दोनों कर्मचारी स्टीवर्ट जयसिंह व बाबू राकेश मालवीय को आरएमओ कार्यालय से हटाने के आदेश दिए। इसमें उक्त कर्मचारियों को चरक में भेजने के लिए कहा है। सिविल सर्जन डॉ. वर्मा ने बताया कि दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और राशि भी जमा करवाई गई है।
साथ ही राशि जमा करने का पैटर्न ही बदल दिया गया है। इसमें अपडेट व्यवस्था के तहत हर माह के अंत में हिसाब लगाया जाकर राशि को रोकस में जमा कर दिया जाएगा। डॉक्टर्स की लिस्ट लगाई जाएगी, जिनके खातों में राशि सीधे ट्रांसफर कर दी जाएगी। ध्यान रहे कि रोगी कल्याण समिति में मेडिकल बोर्ड की फीस 150 रुपए में से 19 रुपए शासन के कोष में, 75 रुपए रोकस को व डॉक्टर्स को 56 रुपए दिए जाने का प्रावधान है।