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मेरी तीसरी शादी करवा दो महापौरजी कृपा होगी


वाट्सएप और सोशल मीडिया के दौर में चिट्ठी में भावनाओं को अपनों तक पहुंचाने का सिलसिला कम जरूर हुआ लेकिन खत्म नहीं हुआ। अभी भी लोग इसे अपना रहे हैं। सालभर पहले जनता से संपर्क में रहने के लिए महापौर मुकेश टटवाल ने ‘मन की बात महापौर के साथ’ कार्यक्रम को लांच कर शहरहित में लोगों के सुझाव और समस्याएं बताने का आह्वान किया, ताकि समाधान किया जा सके और अच्छे सुझावों पर अमल हो पाए। छह जगहों पर लेटर बॉक्स भी लगवाए गए।

सालभर में 1500 से अधिक सुझाव और समस्याएं पहुंची। जिनका हर माह 10 तारीख के पहले विश्लेषण किया और संबंधित विभागों से समाधान कराया गया। रेडियो दस्तक के  मन की बात महापौर के साथ नाम से आईं चिटि्​यां को देखा तो कई रोचक चिटि्​यां सामने आईं। एक चिट्ठी विवेकानंद नगर के व्यक्ति की है, जो दाे लाइन की चिट्ठी में लिखते हैं कि मेरी दो शादी हो चुकी है।

परेशान हूं। तीसरी शादी करवा दो। खेर, इस समस्या का समाधान तो नहीं हो पाया लेकिन कई छोटी-छोटी समस्याएं भी आई, जिनका समाधान महापौर कार्यालय से तत्काल करवाया। कई समस्याएं ऐसी हैं, जिनमें भाई ने ही अपने भाई की गंदगी फैलाने की शिकायत की। कहा कि मैं बोलूंगा तो झगड़ा होगा। महापौर ने स्वास्थ्य अधिकारी को भेजकर 500 रुपए का जुर्माना लगवाया।

चिट्ठी-1: पेंशन के लिए 100 रुपए रिश्वत मांगी, ऑपरेटर को हटाया

एक वृद्धा की पेंशन तीन माह से केवाईसी नहीं होने से रुकी हुई थी। नगर निगम में समग्र आईडी के कार्यालय के कम्प्यूटर ऑपरेटर ने केवाईसी करने के 100 रुपए मांगे। इसे किसी अन्य कर्मचारी ने देखा और महापौर के नाम चिट्ठी लिख दी। चिट्ठी देख महापौर ने वृद्धा को बुलवाया तो स्पष्ट हुआ कि कर्मचारी पैसे मांग रहा है। महापौर ने कर्मचारी को तत्काल हटाया और वृद्धा की पेंशन चालू करवाई।

चिट्‌ठी-2 : भाई के गाड़ी धोने से पूरी सड़क पर कीचड़ हो जाता है

फ्रीगंज में गैरेज है, जहां गाड़ी धोने का काम किया जाता है और सड़क पर पानी फैल जाता है। गैरेज मेरे भाई का है लेकिन मैं बोलूंगा तो वह झगड़ा करेगा। सड़क पर होती गंदगी से मुझे अच्छा नहीं लगता। शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजा गया। यहां संबंधित पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया और चेतावनी दी गंदगी की तो गैरेज ही बंद करा दिया जाएगा। संबंधित ने गाड़ी धोने का काम ही बंद कर दिया।

चिट्‌ठी- 3 : सब्जी बेचने वाली कचरे को घर के सामने फैंक रही

यह बात नानाखेड़ा क्षेत्र की है। शिकायत पड़ोसी ने की। उसके घर के पास महिला रहती है और वह ठेले पर सब्जी बेचने का काम करती है। रात में वह सब्जी बेचकर आती है तो सड़ी हुई सब्जी और बचा हुआ कचरा सड़क पर ही फेंक देती है। इससे पूरे रोड पर बदबू आती और मच्छर पनपते हैं। शिकायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को भेजा। महिला समझाइश से मान गई।

चिट्ठी- 4 : एक डॉक्टर ने पत्र में लिखा- शहर में अजीब तरह के ब्रेकर लगवाना बंद करें

एक डॉक्टर ने महापौर को पत्र लिखा कि शहर में अजीब तरह के स्पीड ब्रेकर (रंबल ब्रेकर) लगा रखे हैं। इससे कोई गुजरे तो उसकी हड्डियों तक में गहरा दबाव होता है, नुकसान भी हो जाता है। इसका समाधान किया जाए। यह काम महापौर के बस में नहीं। इस संबंध में महापौर ने ट्रैफिक विभाग को लिखा है कि उचित समाधान हो तो बताएं।
(नोट : चिट्ठी लिखने वालों ने अपना नाम गोपनीय रखने की बात कही है। भास्कर इनके नाम का उल्लेख नहीं कर रहा है।)

हर माह 100 से अधिक चिट्ठियों में सुझाव भी

महापौर के नाम हर माह 100 से अधिक चिट्ठियां पहुंचती है। एक सुझाव ऐसा भी है, जिसे बजट में शामिल किया जा रहा है। एक व्यक्ति ने सुझाव दिया कि मंछामन की मल्टी के पास भक्त निवास बन रहा है। एक मल्टी को क्यों न भक्त निवास वालों को दे दिया जाए।

मैं कॉल करता हूं, फिर अधिकारी को भेजता हूं

हर चिट्ठी को मैं खुद देखता हूं। इनमें नंबर होता है और शिकायत मुझसे जुड़ी होती है तो मैं खुद ही फोन पर बात करता हूं। फिर अधिकारी को मौके पर भेजता हूं।
- मुकेश टटवाल, महापौर

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