अश्वगंधा एक रसायन औषध
उज्जैन 14 फरवरी। जिला आयुष अधिकारी उज्जैन डॉ.मनीषा पाठक के निर्देशानुसार देवारण्य
योजना के अंतर्गत श्री सूर्य सागर दिगंबर जैन माध्यमिक विद्यालय उज्जैन में औषधीय पौधे अश्वगंधा
विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । उज्जैन ब्लॉक के नोडल अधिकारी डॉक्टर जितेंद्र जैन ने
अश्वगंधा कैंपेन की जानकारी देते हुए बताया कि अश्वगंधा संपूर्ण भारतवर्ष में विशेषतः शुष्क प्रदेशों एवं
हिमालय प्रदेश में अश्वगंधा के स्वयं जात वन्यज कृषि जन्य पौधे 5500 फीट की ऊंचाई तक पाए जाते
हैं। अश्वगंधा रसायन औषधि है जिसके द्वारा शरीर की रस आदि धातुओं का पोषण होता है वात शामक
बलदायक रसायन नाङियों को बल देने वाला होता है अश्वगंधा के सेवन से दुबला भी बलवान होता है
वृद्धावस्था के रोग भी दूर हो जाते हैं। अश्वगंधा के पंचांग को कूटकर छानकर 25 से 50 ग्राम तक सेवन
करने से गठिया वात दूर होता है। 2 ग्राम अश्वगंधा मूल के चरण में एक ग्राम बड़ी पीपल का चूर्ण 5
ग्राम की 10 ग्राम मधु मिलाकर सेवन करने से 'क्षयरोग में लाभ होता है। कार्यशाला में विद्यालय के प्रबंध
कार्यकारिणी के रमेश कासलीवाल संजय जैन राजेश जैन प्रधानाचार्य विजय जैन अध्यापक अध्यापिकाएं
सहित समस्त स्टाफ छात्र-छात्राएं विद्यार्थी उपस्थित रहे।