इलाज के लिए खुद ने दिए 60 हजार, थाने के ग्रुप में वायरल किया मैसेज तो एकत्रित हो गए पौने दो लाख रुपए
अमूमन पुलिस सख्त लहजे के लिए जानी जाती है लेकिन उज्जैन में हुई एक घटना में उज्जैन पुलिस को देखने का नजरिया बदल दिया है। सड़क पर पड़े बेहोश मजदुर के इलाज के लिए टीआई सहित पुरे थाने के स्टाफ ने मदद के हाथ बढ़ाये तो मजदुर के इलाज के लिए एकत्रित कर दिए 1.75 लाख रुपए।
नीलगंगा थाना टीआई विवेक कनोडिया शनिवार को रात्रि गस्त खत्म करके अपने घर पार्श्वनाथ सिटी पहुंचे। यहाँ गाडी की आवाज सुनकर कालोनी में रहने वाले मजदुर की पत्नी टीआई के पास आई और बताया की पति को कुछ हो गया है। इस पर टीआई ने जब मजदुर के पास पहुंचे तो वह बेहोश था और तड़फ रहा था। कनोडिया मजदुर को अपनी गाडी में डालकर संजीवनी अस्पताल ले गए। यहाँ पर पता चला कि मजदुर राजू उर्फ़ शर्मानाथ निवासी झारड़ा को हाई बीपी के बाद दिमाग की नस फट गई है। अस्पताल ने हाथो हाथ 50 हजार रुपए जमा करने को कहा। इस पर टीआई ने अपने घर से मंगवाकर राशि जमा करवा दी। जिसके बाद मजदुर का इलाज शुरू हो सका।
थाने के ग्रुप में मदद के लिए मैसेज वायरल होते ही पौने दो लाख जमा हो गए-
टीआई विवेक कनोडिया ने बताया कि मजदुर घर के पास बनी टापरी में रहता है। गरीब होने के चलते हमने उसकी मदद कर दी। सुबह संजीवनी अस्पताल में 50 हजार देने के बाद थाने के व्हाट्स एप पर मजदुर की मदद के लिए लिखा तो महिला कांस्टेबल से लेकर सब इंस्पेकटर और अन्य पुलिस कर्मियों ने भी अपने अपने सामर्थ्य के हिसाब से मदद कर दी। लेकिन मजदुर के इलाज के लिए और राशि की जरुरत थी। इसके बाद हमने अपने कालोनी के ग्रुप सहित एक अन्य ग्रुप में मदद की अपील की जिसके बाद तुरंत पौने दो लाख रुपए मजदुर के इलाज के लिए जमा हो गए, फिलहाल मजदुर का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है।