जिला अस्पताल में रोज बढ़ रही मरीजों की संख्या
जिला अस्पताल में रोज ही मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ओपीडी भर्ती वार्ड सभी भरे रहते हैं, इसके चलते नए भवन भी बनाए जा रहे हैं, लेकिन निर्माण कार्य होने के बावजूद अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ की कमी है। पिछले साल अस्पताल के उन विभागों मे भर्ती की गई थी, जहां स्थाई डॉक्टर की कमी थी, लेकिन कुछ महीनों में ही नियुक्त किए दो डॉक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया।
जिला अस्पताल के दो विभाग जनरल मेडिसिन और मनोरोग में एक भी स्थाई डॉक्टर नहीं है, जबकि दोनों ही ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा ही रहती है। दोनों विभाग में एक-एक संविदा पदस्थ डॉक्टर हैं, उनमें से भी एक सेवानिवृत्त होने वाले हैं और एक नोटिस पीरियड पर काम कर रहे हैं।
जनरल मेडिसिन में रोजाना 200 से ज्यादा मरीज आते हैं। इनमें सर्दी, बुखार, थायराइड, हाइपरटेंशन, डायबिटीज जैसी कई बीमारियों वाले मरीज रहते हैं, जिनकी संख्या मौसम के बिगड़ने के साथ और ज्यादा बढ़ जाती है। पिछले 5 दिनों में जिला अस्पताल की ओपीडी 2983 रही हैं, जिनमें जनरल मेडिसिन के मरीज करीब 500 हैं। जिला अस्पताल में केवल एक संविदा डॉक्टर इन मरीजों को देखते हैं, जिनके न रहने पर स्टाफ को मरीजों को देखना पड़ता है, जबकि माधवनगर अस्पताल में ओपीडी कम होने के बावजूद दो जनरल मेडिसिन के डॉक्टर पदस्थ हैं।
ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के अनुसार देखा जाए तो जिला अस्पताल में अभी कम से कम एक स्थाई डॉक्टर की जरूरत बनी हुई है। पिछले साल जनरल मेडिसिन विभाग में दो नए डॉक्टर की नियुक्ति हुई थी, लेकिन उन्होंने भी कुछ समय में ही कुछ न कुछ कारण बताकर इस्तीफा दे दिया।