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मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव उज्जैन में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी के विमर्श कार्यक्रम में हुए शामिल


उज्जैन 12 फरवरी। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि हे भारत आध्यात्मिकता से विश्व विजयी बनो। यह विमर्श हमारा मूल दृष्टिकोण है। हम मूलत: आध्यात्मिक हैं। हमारा मूल दृष्टिकोण आध्यात्मिक है। सम्पूर्ण प्रकृति में परमेश्वर निहित है। उसे बस आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। उक्त विचार मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने माधव सेवा न्यास में विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी मध्य प्रान्‍त के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इतिहास में हमारा प्राचीन ज्ञान-विज्ञान समाहित है। कुंभ का मेला नक्षत्र के अनुसार होता है। प्रत्येक बारह वर्ष में उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन किया जाता है। बाकी जगह आयोजित होने वाले मेले को कुंभ कहा जाता है, लेकिन उज्जैन में आयोजित होने वाले कुंभ को सिंहस्थ कहा जाता है। सिंहस्थ में विवेकानन्द एवं रामकृष्ण मिशन के मानने वाले भी आते हैं। परमेश्वर पूरी सृष्टि में विद्यमान है। डॉ.यादव ने कहा कि आध्यात्मिकता की यात्रा ही भारत की विकास यात्रा है। उज्जैन में स्थित डोंगला में स्टेण्डर्ड टाईम की गणना होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक जगदीशचंद्र बसु ने विदेशियों को बताया कि पौधों में प्राण होते हैं, लेकिन यह भावना प्राचीनकाल से ही हमारे मन में है कि पौधों में भी जीवन होता है।

विमर्श कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने एकनाथ रनाडे के विचारों पर विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमार के विद्यार्थियों द्वारा लिखित पुस्तक ध्येयनिष्ठ जीवन का विमोचन किया। इस अवसर पर स्मिता दीदी ने तीन ओंकार प्रार्थना की प्रस्तुति दी। श्री नन्दन जोशी ने सभी अतिथियों का परिचय दिया। श्री मानस भट्टाचार्य ने एकल गीत का गायन किया।

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