हरसिद्धि मंदिर में देवी का आकर्षक श्रृंगार
उज्जैन माघ महिने में आने वाली गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ शनिवार से हुआ है। प्रसिद्ध शक्तिपीठ हरसिद्धि माता मंदिर में देवी का प्रतिदिन पूजन अर्चन के बाद संध्या के समय परिसर में स्थित दीपमालिकाएं प्रज्वलित की जाएगी। यह नवरात्रि गुप्त साधना के लिए विशेष मानी जाती है। गुप्त रूप से की जाने वाली साधनाएं इसी नवरात्रि में की जाती है। नौ दिनों तक साधक तंत्र, मंत्र, यंत्र की सिद्धि के लिए अनुष्ठान करेगें। हरसिद्धि मंदिर पर दीपमालिकाएं भी प्रज्वलित की जाएगी।
शक्तिपीठ हरसिद्धि माता का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। यहां पर सभी नवरात्रि में भक्त और साधक अपनी साधना के लिए आते है। महंत रामचंद्र गिरी ने बताया नवरात्रि के दौरान संध्या के समय मंदिर परिसर में स्थित दीपमालिकाएं प्रज्वलित की जाएगी। जो साधक गुप्त रूप से माँ भगवती की साधना करते है। उनके लिए गुप्त नवरात्रि प्रमुख होती है। वर्ष भर में चार नवरात्र विशेष माने जाते हैं। इनमें दो गुप्त तथा दो प्राकट्य नवरात्र माने गए है। चैत्र व अश्विन के नवरात्र प्रकट तथा माघ व आषाढ़ के नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। नौ दिनों की साधना के अंतर्गत माता लक्ष्मी, महाकाली, महासरस्वती का संयुक्त रूप से आराधना करने से भक्तों व साधकों को मनोवांछित फल की प्राप्ती होती है। यहां पर यंत्र, तंत्र, मंत्र से जुड़ी साधना का क्षेत्र भी विशेष रूप से लाभ मिलता है। इस बार माघ मास की गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी को धनिष्ठा नक्षत्र में प्रारंभ हुई है, जो शुभ है। नवरात्रि पूरे नौ दिनों की है। हरसिद्धि माता मंदिर के अलावा माँ गढ़कालिका, माता चौसठ योगिनी, भूखी माता, नगरकोट माता, चामुंडा माता, भैरवगढ़ रोड़ स्थित बगलामुखी धाम में भी गुप्त नवरात्रि के नौ दिन पूजन, अनुष्ठान का क्रम प्रारंभ हो गया है।