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हरसिद्धि में सुबह 4 बजे पंचामृत पूजन के बाद दर्शन गढ़कालिका, बगलामुखी मंदिर में पूजन-अनुष्ठान


गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी से होगी। यह माघ माह की नवरात्रि हैं, जिसे गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। देवी आराधना के पर्व के दौरान नौ दिनों तक साधक गुप्त, तंत्र साधना करेंगे। गुप्त नवरात्र के दौरान छत्रेश्वरी चामुंडा माता मंदिर, िबजासन माता मंदिर हामुखेड़ी, भूखी माता, विंध्यवासिनी माता, चौसठ योगिनी माता, चौबीस खंभा स्थित महामाया और महालाया माता के दर्शन पूजन का महत्व माना गया है।

देश की 51 शक्तिपीठों में एक शहर के हरसिद्धि मंदिर में नवरात्रि के दौरान सुबह चार बजे पंचामृत पूजन, चोला चढ़ाने के बाद माता को नवीन वस्त्र धारण करवाए जाएंगे। पुजारी राजू गिरि गोस्वामी ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में देवी का प्रतिदिन शृंगार किया जाएगा। सुबह, शाम ढोल, नगाड़ों से महाआरती की जाएगी। दिनभर दर्शन-पूजन का क्रम जारी रहेगा। प्रतिदिन संध्या आरती के पहले दीप मालिकाएं प्रज्वलित की जाएंगी। इसके अलावा नौ दिन तक चंडीपाठ, श्री यंत्र साधना की जाएगी। अष्टमी और नवमी को मंदिर परिसर में हवन किया जाएगा। पूर्णिमा पर कन्या भोज का आयोजन किया जाएगा।

गढ़कालिका में पूजन, महाआरती: गुप्त नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन माता का विशेष पूजन और महाआरती की जाएगी। इसके लिए मंदिर को सजाया जाएगा। माता के दर्शन लाभ लेने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं।

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