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सरकार के सहयोग से माच कला निरंतर समृद्ध होती रहे


उज्जैन 06 फरवरी। भारत का हदय अंचल मालवा भारतीय कला संस्कृति से समृद्ध है। यहां की
माच कला पिछले दो सौ सालों से लोक मनोरंजन और मूल्यों को प्रसारित करने का माध्यम है। माच कला
के अनन्य साधक श्री ओम प्रकाश शर्मा को प्रतिष्ठित पदमश्री से सम्मानित करने की घोषणा हुई है।
श्री ओमप्रकाश शर्मा दस-बारह वर्ष की आयु से ही माच कला में पारंगत होते आ रहे हैं। उन्होने
इस कला को समृद्ध बनाने और इसका संरक्षण करने में सुदीर्घ साधना की है। कला के प्रति उनका
समर्पण नमन योग्य है। वे अपने कलाकार बनने में अपने गुरू पिता स्वर्गीय श्री शालीग्राम और दादा
स्वर्गीय श्री कालूरामजी का योगदान मानते हैं। लोकनाटय कला माच की साधना करते हुए श्री ओमप्रकाश
शर्मा स्वयं भी वादय यंत्रों को बजाने में पारंगत हो गये।

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