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7 हजार ‘बुजुर्गों’ की नहीं हुई ई-केवाईसी, देरी हुई तो अटक सकती है विभिन्न योजनाओं की पेंशन


निगम मुख्यालय हो या फिर जोन कार्यालय। बुजुर्ग चक्कर लगा रहे हैं कि मेरी पेंशन ​िपछले दो माह से नहीं आ रही है। निगम मुख्यालय पर समग्र से संबंधित काम देखने वाला कार्यालय बेसमेंट में है तो जोन कार्यालयों पर कई बार कर्मचारी मिलते नहीं। सही रास्ता नहीं मिल पाता और बुजुर्ग भटकते हुए घर चले जाते हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं होता। निगम के पूछताछ केंद्र पर भी कोई सही जवाब नहीं दे पाता।

निगम के प्रमुख कार्यालय में ऐसे लोग घूमते रहते हैं लेकिन उनका काम नहीं हो पाता। उम्र ज्यादा और टेक्नो फ्रेंडली नहीं होने के कारण वह भटकते रहते हैं। निगम के आंकड़ों की मानें तो ऐसे लोगों की संख्या 7 हजार से ज्यादा है, लेकिन इसका बड़ा कारण ई-केवाईसी नहीं होना है। जो बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है लेकिन बुजुर्गों के लिए मुश्किल होती है। निगम द्वारा 24 हजार 16 को पेंशन योजना का लाभ दिया जाता है, लेकिन अभी तक 16 हजार 828 की ही ई-केवाईसी हुई है।

अगर ई-केवाईसी नहीं होती है तो या तो पेंशन रोक दी जाएगी या कई की रोक भी दी गई है। जरूरी है सभी की ई-केवाईसी हो। निगम अधिकारियों ने ई-केवाईसी को करने के लिए अब घर तक कर्मचारियों के बैठने का प्रबंध किया है, वहीं प्रक्रिया को भी बताया है। इसमें तीन से चार स्टेप से ई-केवाईसी अपडेट की जा सकती है। शासन की 10 योजनाएं हैं, जिनमें हितग्राहियों को पेंशन मिलती है।

उनमें दिव्यांग शिक्षा प्रोत्साहन सहायता राशि, सामाजिक सुरक्षा निशक्त पेंशन, मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निशक्त पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, मानसिक विकलांग बहु विकलांग सहायता, मुख्यमंत्री कल्याणी पेंशन, मुख्यमंत्री अविवाहित पेंशन और सामाजिक सुरक्षा पेंशन शामिल है। ई-केवाईसी के लिए एमपी ऑनलाइन और कियोस्क जाने की जरूरत नहीं है। कोई भी वरिष्ठों की मदद कर सकता है। इसके लिए मोबाइल पर समग्र पोर्टल खोलकर उसमें समग्र आईडी को लिंक से जोड़ा जा सकता है। आपके आसपास कोई बुजुर्ग हो और उसकी केवाईसी नहीं हुई तो मदद करें।

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