निगम के आर्थिक संकट को देखते हुए अच्छी पहल
वार्ड 53 के अलकनंदानगर का गार्डन। रहवासियों ने गार्डन में नई सुविधाएं जुटाने के लिए पार्षद से संपर्क किया तो आर्थिक संकट से जूझ रही नगर निगम से यहां काम कराना आसान नहीं था। यह बात पार्षद ने रहवासियों को बताई। उन्होंने ही समाधान खोजा कि चिंता न करें। हमारी कॉलोनी का गार्डन है। हम भी आर्थिक सहयोग करेंगे।
पार्षद निर्मला करण परमार ने उद्यान गुल्लक बनाने की सलाह दी तो सभी रहवासियों ने माना और एक दिन में 50 हजार रुपए जमा हो गए। अभी 25 रहवासियों ने ही रुपए जमा कराए, जबकि कई ने राशि जमा कराने की बात कही है, जो दो लाख तक जा सकती है। वैसे उद्यान में काम कराने के लिए यह कम हो सकती है लेकिन रहवासियों और पार्षद के प्रयास से एक अच्छी शुरुआत जरूर हुई है। जो अन्य वार्डों में उद्यान में काम करने के लिए परेशान है, वह भी अपने उद्यान के आसपास वाले लोगों को जमा कर उद्यान बैंक व उद्यान गुल्लक बनाकर लोगों से जोड़ सकते हैं। इससे उद्यान के छोटे काम कराने के लिए निगम के भरोसे नहीं बैठे रहना पड़ेगा। पार्षद निर्मला परमार ने बताया कि वार्ड में कई उद्यान हैं, जहां के रहवासी काम के लिए बोलते थे। शासन से पैसा मिलता है, हमें भी काम में कोई दिक्कत नहीं। लेकिन निगम में अभी आर्थिक रूप से दिक्कत है। ऐसे में हमने लोगों को जोड़ने का निर्णय लिया कि आप ही थोड़े-थोड़े पैसा मिलाए। संसाधन निगम से उपलब्ध हो जाएंगे। जो काम लाखों में होंगे, वह कम पैसे में हो जाएंगे। ^पहले भी कुछ बगीचों में इस तरह का प्रयोग किया था, लोग आगे आए और बगीचे संवर गए। ऐसा ही प्रयोग अलकनंदानगर के बगीचे में भी किया। रहवासियों के सपोर्ट से अच्छी राशि जमा हो गई।