पिपलोदा द्वारिकाधीश की शासकीय उचित मूल्य की कंट्रोल की दुकान से राशन की हेराफेरी
नरवर क्षेत्र में ग्राम पिपलोदा द्वारिकाधीश की शासकीय उचित मूल्य की कंट्रोल की दुकान से राशन की हेराफेरी व कालाबाजारी का मामला सामने आया है। पूरे मामले की जांच के बाद दुकान विक्रेता के खिलाफ नरवर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। साथ ही लाखों रुपए की वसूली भी प्रबंधक व विक्रेता पर निकाली गई हैं।
जिला आपूर्ति नियंत्रक नुजहत बानो बकाई ने बताया कि ग्राम पिपलोदा द्वारिकाधीश के उपभोक्ताओं से प्राप्त 3-4 महीने से राशन नहीं मिलने की शिकायत पर तहसीलदार अर्चना गुप्ता और उज्जैन ग्रामीण के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी चंद्रशेखर बारोड़ ने जांच की थी। इन्होंने पाया कि दुकान पर पीला बोर्ड नहीं लगा है। स्टॉक भाव सूची एवं स्टॉक पंजी अपडेट नहीं थी। गेहूं 9246 किलो कम था और चावल 11,179.03 किलो व शक्कर 27 किलो रिकॉर्ड के अनुसार कम होना पाई गई। यही नहीं दिसंबर 23 में कुल 62 पात्र परिवारों को राशन नहीं दिया जाकर राशन से उन्हें वंचित किया गया। एसडीएम न्यायालय में प्रकरण की विवेचना की गई। मामले में राशन दुकान विक्रेता फारुख भुट्टो का जवाब मनगढ़ंत होकर संतोषजनक नहीं होने से इनके विरुद्ध अभियोजन की कार्रवाई का आदेश जारी किया गया। दरअसल विक्रेता द्वारा राशन सामग्री की अफरा-तफरी कर कालाबाजारी की गई। इस पूरे मामले में फारुख भुट्टो निवासी ग्राम नरवर के खिलाफ मप्र सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण), आदेश 2015 के प्रावधानों का उल्लंघन किए जाने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत अभियोजन की कार्रवाई कर पुलिस थाना नरवर में एफआईआर दर्ज कराई गई। हेराफेरी किए गए राशन की लागत मूल्य कुल 746181 (सात लाख छियालीस हजार एक सौ इक्यासी रुपए) की वसूली सेवा सहकारी संस्था नरवर के प्रबंधक एवं विक्रेता पर अधिरोपित की गई एवं उक्त राशन दुकान तत्काल प्रभाव से निलंबित की गई।