‘पिछले दरवाजे’ से नौकरी पाने की जुगत
2018 में आउटसोर्स एजेंसी ने 800 से अधिक कर्मचारियों को काम की आवश्यकतानुसार नौकरी पर रखा लेकिन 200 से अधिक ऐसे हैं, जो एजेंसी का ठेका खत्म होने के बाद भी दावा करने लगे कि हमने निगम में काम किया। वेतन भी यहीं से मिला तो फिर क्यों निकाला। सभी को फिर से रखा जाए।
श्रम न्यायालय के आदेश पर निगम से इन्हें वापस रखा लेकिन केस हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने 16 कर्मचारियों के संबंध में आदेश देकर सभी की सेवा समाप्ति के आदेश दे दिए। 31 जनवरी को यह आदेश हाईकोर्ट ने दिया, जो निगम में अब सामने आया। आदेश के बाद सभी 16 कर्मचारियों की सेवा समाप्ति की कार्रवाई शुरू कर दी है। यह भी उद्यान विभाग में पदस्थ हैं, जबकि स्वास्थ्य, शिल्पज्ञ और निगम के अन्य विभागों में ऐसे 200 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, जिन्होंने भी आउटसोर्स एजेंसी में काम किया और श्रम न्यायालय के निर्देश पर निगम में काम करने लगे लेकिन विभाग प्रमुखों ने ध्यान नहीं दिया और सभी कर्मचारी अभी भी कहीं न कहीं काम कर रहे हैं।
कई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए, जिन्होंने दिए उनमें तीन नाबालिग, यही आधार बना... नाबालिग ने कैसे काम किया