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बौद्ध महास्तूप पर बुद्ध वंदना


उज्जैन तराना रोड की कानीपुरा में स्थित बौद्ध महास्तूप पर फरवरी के पहले रविवार को बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने स्तूप पर पहुंचकर विहार कर मोमबत्ती जलाकर बुद्ध वंदना की। यहां आयोजित कार्यक्रम में बौद्ध धर्म गुरुओं के संबोधन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हुए।

भारतीय बौद्ध महासभा द्वारा उज्जैन के कनीपुरा रोड स्थित बौद्ध महा स्तूप पर फरवरी माह के पहले रविवार को कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म को मानने वाले अनुयायी और बौद्ध धर्म गुरू शामिल होते है। महासभा के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र सोलंकी ने बताया विगत 12 वर्षों से प्रतिवर्ष फरवरी माह के पहले रविवार को बौद्धमहा स्तूप पर कार्यक्रम का आयोजन कर बुद्ध की वंदना की जाती है। कार्यक्रम के लिए सभी स्थनों से बंते, धर्मगुरु और अनुयायी बौद्ध स्तूप का विहार कर मोमबत्ती जलाकर बुद्ध की वंदना करते है। इस अवसर पर बौद्ध धर्म गुरुओं का उद्बोधन के पश्चात सभी अनुयाई यही पर भोजन करने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेते हैं। कार्यक्रम में भारतीय बौद्ध महासभा के जिला अध्यक्ष आरआर जावदे सागर बंते सहित बौद्ध धर्म को मानने वाले समाज जन शामिल हुए। सोलंकी ने बताया कि सम्राट अशोक के शासनकाल में यह स्तूप बने है। कहा जाता है कि महेंद्र और संघमित्रा जब बौद्धिजन और धम्म का प्रचार करने 180 ईसा पूर्व आए थे। यहां पर बड़े स्तूप पर तथागत गौतम बुद्ध का चिवर और आसन भी है। पुरातत्व विभाग ने खोज बीनकर बाद में इस स्तूप को सेंटर गर्वमेंट के अधीन कर दिया। कहा जाता है कि यहां पर सोने के मटके में तथागत गोतम बुद्ध के कपड़े रखे हुए है। प्रतिवर्ष यहां पर फरवरी के पहले रविवार को बौद्ध महासभा और अंबेडकर वादी संगठनों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

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