top header advertisement
Home - उज्जैन << सांस्कृतिक धरोहरों को सहेज कर रखें, जीर्ण-शीर्ण हो रही धरोहरों को पुन: संवारें सिंहस्थ के लिये किये जा रहे सभी सौंदर्यीकरण के कार्य स्थाई हों -एसीएस डॉ.राजेश राजौरा शिप्रा शुद्धिकरण सबसे पहले है, सिंहस्थ का पूरा दारोमदार शिप्रा पर ही है

सांस्कृतिक धरोहरों को सहेज कर रखें, जीर्ण-शीर्ण हो रही धरोहरों को पुन: संवारें सिंहस्थ के लिये किये जा रहे सभी सौंदर्यीकरण के कार्य स्थाई हों -एसीएस डॉ.राजेश राजौरा शिप्रा शुद्धिकरण सबसे पहले है, सिंहस्थ का पूरा दारोमदार शिप्रा पर ही है


उज्जैन 03 फरवरी। प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.राजेश राजौरा ने आज उज्जैन से सिंहस्थ-
2028 के लिये किये जा रहे निर्माण कार्यों की समीक्षा की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इन्दौर एवं
उज्जैन संभाग के सभी कलेक्टर्स जुड़े थे। डॉ.राजौरा ने इन्दौर एवं उज्जैन संभाग के सभी जिलों के
कलेक्टर से कहा कि सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालु भारी संख्या में आते हैं। उज्जैन के पश्चात वे खंडवा,
महेश्वर, ममलेश्वर, पशुपतिनाथ मन्दिर, बगलामुखी मन्दिर जाते हैं। अत: सभी श्रद्धालुओं के लिये सभी
सुविधाएं इन जिलों में भी मुहैया हों, इसके लिये अभी से सड़क, पुल, पुलिया, पेयजल, छाया, रूकने के
लिये आश्रय स्थल, पार्किंग आदि की व्यवस्थाएं ठीक की जायें। डॉ.राजौरा ने कहा कि उज्जैन एवं उज्जैन
के आसपास के जिलों में प्रचुर मात्रा में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धरोहरें हैं। उन्हें संरक्षित करने की
आवश्यकता है। अत: सभी सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण किया जाये एवं जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है
उसका पुनर्निर्माण किया जाये। डॉ.राजौरा ने कहा कि सिंहस्थ के लिये सभी घाटों, चौराहों पर सौंदर्यीकरण
के जो कार्य किये जायेंगे, वे कार्य स्थाई हों और आगामी बारह वर्ष तक चलें। शिप्रा नदी शुद्धिकरण की
आवश्यकता पर जोर देते हुए डॉ.राजौरा ने कहा कि शिप्रा शुद्ध हो, क्योंकि सिंहस्थ का सारा दारोमदार
शिप्रा नदी पर ही टीका है। देश-विदेश से श्रद्धालु शिप्रा में स्नान करते हैं। अत: शिप्रा का जल निर्मल एवं
आचमन योग्य हो।
समीक्षा बैठक के दौरान उज्जैन संभागायुक्त डॉ.संजय गोयल, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह,
सीईओ जिला पंचायत श्री मृणाल मीना, आयुक्त नगर निगम श्री आशीष पाठक, सीईओ यूडीए श्री संदीप
सोनी सहित निर्माण विभाग के अधिकारीगण एवं वीसी के माध्यम से इन्दौर एवं उज्जैन संभाग के सभी
जिलों के कलेक्टर उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सिंहस्थ के मास्टर प्लान में सड़क एवं घाटों की
कनेक्टिविटी, प्रमुख मन्दिरों में आने-जाने के लिये कनेक्टिविटी, सौंदर्यीकरण, पार्किंग मुख्य कार्य हैं, जो
प्राथमिकता से किये जायेंगे। विभिन्न अखाड़ों से बात कर धर्मशाला बनाने एवं 28 किलो मीटर तक शनि
मन्दिर से बड़नगर तक जहां घाट नहीं है, वहां घाट निर्माण के कार्य किये जायेंगे। बताया गया कि शिप्रा
पर पुल निर्माण सदावल में हेलीपेड का निर्माण, चौरासी महादेव पर लैंड स्केपिंग, प्रवचन हॉल, कालभैरव
एवं मंगलनाथ मन्दिर में अन्य निर्माण कार्य किये जायेंगे। इसके अलावा लड्डू प्रसाद युनिट को महाकाल
मन्दिर के निकट ही स्थापित किया जायेगा। हरसिद्धि मन्दिर, चिन्तामन गणेश मन्दिर का विकास भी
किया जायेगा। कर्कराज मन्दिर में पार्किंग का प्रस्ताव भी शासन को भेजा जायेगा। पंचक्रोशी मार्ग पर
पौधारोपण एवं शहर के मान से एक बड़े ऑडिटोरियम का निर्माण, हरिफाटक ब्रिज के समानांतर फुट ब्रिज
का निर्माण, इंदिरा नगर से चामुण्डा चौराहे के बीच आरओबी, उज्जैन एवं मक्सी टूलेन पर एक आरओबी,
सवारी मार्ग का चौड़ीकरण, हरिफाटक ब्रिज का चौड़ीकरण, उज्जैन फोरलेन का चौड़ीकरण, इंगोरिया मार्ग
का चौड़ीकरण, लालपुल से दताना, चंदूखेड़ी आदि का चौड़ीकरण, पंचक्रोशी मार्ग को टूलेन करने, उज्जैन-

तराना-मांगलिया मार्ग का उन्नयनीकरण, सिंकदरी से जीवनखेड़ी-शनि मन्दिर तक जाने वाले वैकल्पिक
मार्ग का चौड़ीकरण, रूद्रसागर पर रोप-वे स्टेशन, पंचक्रोशी मार्ग पर पड़ाव स्थलों पर ट्यूबवेल, पानी की
टंकी, स्वच्छता के कार्य आदि किये जायेंगे।

Leave a reply