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औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं को रात के वक्त बिजली जलाना महंगा साबित होगा


उज्जैन मप्र प्रदेश में अब औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं को रात के वक्त बिजली जलाना महंगा साबित होगा। ऐसे उपभोक्ताओं को सरजार्च देना होगा। हालांकि दिन में उनके लिए बिजली की दर कम होगी। पहले ही अन्य प्रदेशों के उद्योग से स्पर्धा तेज है ऐसे में रात में महंगी बिजली और अतिरिक्त सरचार्ज लगने से लागत बढऩा तय है।विद्युत कंपनी ने पहली बार व्यापार-उद्योगों के लिए दिन-रात में बिजली को दर अलग-अलग करने का मप्र विद्युत नियामक आयोग को 2024-25 की टैरिफ याचिका में दिया है। अब मप्र विद्युत नियामक आयोग का इस पर फैसला लेना है। बिजली कंपनी के नए प्रस्ताव पर दिन के वक्त ऐसे उपभोक्ताओं को जहां सस्ती बिजली मिलेगी, वहीं रात के वक्त बिजली का उपयोग महंगा पड़ेगा। इसे टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ कहा जाता है। बिजली कंपनी शाम पांच बजे के बाद से मिलने वाली बिजली को तय दर से ज्यादा कीमत पर देगी। इसके अलावा सरचार्ज भी अतिरिक्त वसूला जाएगा।

क्यों ऐसी व्यवस्था

केंद्र सरकार के उपभोक्ता अधिकार अधिनियम में टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ लागू करने का प्राविधान किया है। जिसे राज्यों में लागू किया जाना है। इसमें सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाना है। दिन के समय सौर ऊर्जा भरपूर होती है इसलिए उपभोक्ताओं को दिन में अधिक बिजली उपयोग करने के लिए प्रेरित करने के लिए टाइम ऑफ डे टैरिफ लागू किया जा रहा है ताकि दिन में सस्ती बिजली मिलने पर उपभोक्ता इंडस्ट्री और व्यावसायिक गतिविधियों को दिन में संचालित करें। जबकि रात के वक्त बिजली की मांग पूरी करने के लिए कोयला आधारित ताप गृह से बिजली से बिजली लेनी पड़ती है इससे तरफ कोयला की खपत अधिक होने से पर्यावरण को भी नुकसान होता है। सरकार ग्रीन एनर्जी को अधिक बढ़ावा देने के लिए भी इस योजना को लागू कर रही है।

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