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उज्जैन जिले में शिक्षा विभाग और कतिपय स्कूल प्रबंधनों की लापरवाही का नया उदाहरण सामने आया


 

उज्जैन जिले में शिक्षा विभाग और कतिपय स्कूल प्रबंधनों की लापरवाही का नया उदाहरण सामने आया है। अब इस लापरवाही को जैसे-तैसे ढंकने के उपाय खोजे जा रहे हैं। ऐसे कई अभिभावक हैंं जिन्हे पता ही नहीं है कि शिक्षा विभाग द्वारा उनके आठवीं उत्तीर्ण बच्चों की शिक्षा विभाग द्वारा जारी मार्कशीट की हार्ड कॉपी इसलिए उन्हें नहीं मिल सकी, क्योंकि उनके स्कूल प्रबंधन ने इसके लिए तय शुल्क जमा नहीं किया।

वे इंटरनेट से डाउनलोड करके 9वीं में बच्चों का प्रवेश करवाकर चिंता मुक्त हो गए। स्कूल प्रबंधनों ने भी इसकी चिंता न करते हुए प्रवेश दे दिया। सूत्रों का दावा है कि गत वर्ष आठवीं का परिणाम घोषित होने के बाद शिक्षा विभाग ने सूचना दी थी कि स्कूल प्रबंधन प्रति मार्कशीट तय राशि जमा करवाए, तब मार्कशीट दी जाएगी।

स्कूल प्रबंधनों ने इस नोटिस पर कोई ध्यान नहीं दिया। प्रवेश के समय कहा गया कि मार्कशीट शिक्षा विभाग ने नहीं पहुंचाई है,अत: इंटरनेट से निकाल लो। ऐसा करने के बाद उक्त मार्कशीट का न तो किसी ने सत्यापन किया और न ही सर्टिफाइड किया। 9वीं के बोर्ड के नामांकन भरते समय भी इस बात का ध्यान नहीं रखा गया।

दोषी स्कूल प्रबंधन पर होगी कार्रवाई

इस संबंध में चर्चा करने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी गिरीश तिवारी ने कहा कि गत वर्ष से आठवीं बोर्ड की अंकसूची इंटरनेट पर थी, जिसे डाउनलोड किया जा सकता था। अंकसूची को लेकर स्कूलों से राशि तय की गई थी। लेकिन उन्हे इस बात की जानकारी नहीं है कि कई स्कूल प्रबंधनों ने मार्कशीट नहीं ली और इंटरनेट मार्कशीट के आधार पर प्रवेश देकर नामांकन भी करवा लिया। वे मामले को दिखवा रहे हैं। जो भी दोषी स्कूल प्रबंधन होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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