उज्जैन शहर के बड़ा गणपति मंदिर में हमेशा ही 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस नहीं मनाया जाता
उज्जैन शहर के बड़ा गणपति मंदिर में हमेशा ही 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस नहीं मनाया जाता है। यह दोनों ही राष्ट्रीय पर्व तिथियों के हिसाब से मनाने की परंपरा है।26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस। लेकिन, क्या आपने सुना है कि गणतंत्र दिवस फरवरी में मनाया जाएगा। जी हां, मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में इस माह गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। दरअसल, उज्जैन के बड़े गणेश मंदिर में 17 फरवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।उज्जैन शहर के बड़ा गणपति मंदिर में हमेशा ही 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस नहीं मनाया जाता है। यह दोनों ही राष्ट्रीय पर्व तिथियों के हिसाब से मनाने की परंपरा है। इस मंदिर में वर्षों से कोई भी त्योहार तिथियों के हिसाब से ही मनाया जाता है। इसलिए तारीख हमेशा बदलती रहती है। 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था। इस दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी थी। यही कारण है कि इस बार भी गणतंत्र दिवस की तिथि 17 फरवरी को पड़ रही है।
गणेश मंदिर में तिथि के अनुसार त्योहार मनाने की कई वर्षों से परंपरा चली आ रही है। क्योंकि हम तारीखों के अनुसार जो त्योहार मनाते हैं वो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार होता है। हम भारत में रहते हैं और सनातन ही हमारे धर्म और संस्कृति का प्रमुख केंद्र है। इसलिए पंचांग और तिथियों के अनुसार त्योहार मनाना ही शुभ माना गया है। यही बातें हमारे शास्त्रों में भी लिखी हुई है।
पंचांगकर्ता और ज्योतिषाचार्य पं.आनंदशंकर व्यास कहते हैं कि तारीख के अनुसार पर्व त्योहार मनाना अंग्रेजी परंपरा है। भारतीय सनातन धर्म-संस्कृति में व्रत त्योहार पंचांग की तिथि के अनुसार मनाया जाता है। उज्जैन के बड़े गणपति मंदिर में आज भी यह परंपरा है। यहां तक कि व्यास परिवार भी तिथियों के मुताबिक ही त्योहार मनाता है। इसलिए बड़े गणेश मंदिर में प्रतिवर्ष माघ शुक्ल अष्टमी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।