गजलक्ष्मी का सुबह दुग्धाभिषेक
पुराने शहर में स्थित माँ गजलक्ष्मी मंदिर में दिपावली के मौके पर रविवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ दुग्धाभिषेेक के लिए लगी रही। सुबह दुग्धाभिषेक के बाद संध्या के समय मां गजलक्ष्मी सोलह श्रृंगार कर छप्पन पकवानों का महाभोग लगेगा। शहर में गज लक्ष्मी का मंदिर करीब दो हजार साल पुराना है। कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य राजलक्ष्मी के रूप में इनकी पूजा करते थे। दीपावली पर 24 घंटे मंदिर खुला रहता है।
शहर के नई पेठ स्थित मां गजलक्ष्मी मंदिर में रविवार को दीपावली के अवसर पर सुबह से ही माँ लक्ष्मी का दूध से अभिषेक करने के लिए श्रद्धालु मंदिर पहुंच गए थे। यहां पर 2100 लीटर दूध से माता का अभिषेक किया गया। हालांकि माता को दूध अर्पित करने का सिलसिला धनतेरस से ही प्रारंभ हो गया है। वहीं रविवार को संध्या के समय माता लक्ष्मी का सोलह श्रृंगार कर छप्पन पकवानों का भोग लगाया जाएगा। लक्ष्मी पूजन के बाद संध्या से देर रात्रि तक श्रद्धालु लक्ष्मी माता के दर्शन के लिए पहुंचेगे। दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु यहां पर कमल का फूल चढ़ाकर मनोकामना मांगते है।