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अब कांग्रेस की सूची धड़कन बढ़ाएगी, उठापटक मचाएंगे भाजपा के नाम भी


मप्र के #चुनावी_चटखारे

कीर्ति राणा ,वरिष्ठ पत्रकार

भाजपा को 94 सीटों के प्रत्याशी घोषित करना है, ये वो सारी सीटें हैं जहां मारामारी अधिक है, कई मंत्री भी वेटिंग लिस्ट में है तो कुछ सीटों पर भाजपा नेतृत्व कांग्रेस के पत्ते खोलने का इंतजार कर रही है। 
भाजपा की यह अंतिम सूची भी हो सकती है, बहुत संभव है कि घोषित किए जाने वाले नामों के बाद भाजपा में भी गुस्से और भगदड़ की स्थिति बन जाए। भाजपा खेमा भी कांग्रेस की सूची का इंतजार कर रहा है।कभी कांग्रेस अपनी पहली-दूसरी सूची में भाजपा द्वारा घोषित 136 सीटों पर ही अपने प्रत्याशी घोषित कर शह मात वाली चाल चल दे तो बहुत संभव है भाजपा के शेष बचे 94 नामों की सूची में और विलंब हो जाए। भगदड़ मचना, आरोप-प्रत्यारोप लगा कर पार्टी छोड़ने के हालात तो दोनों दलों में बनना तय है। भाजपा ने जिस तरह अपने बड़े-प्रभावी नेताओं को रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने के काम पर लगाया है। कांग्रेस की सूची जारी होने के बाद भेरु पूजने की परंपरा वहां भी शुरु होना तय है। 
                      कांग्रेस ने तो किसी एक सीट पर भी प्रत्याशी घोषित नहींंकिया है।उसकी लिस्ट श्राद्ध पक्ष की आज समाप्ति के बाद कल हो रही घट स्थापना से शुरु हो जाएगी। पूर्व सीएम कमलनाथ ने दावा जरूर किया है कि 17  अक्टूबर तक सारे नामों की घोषणा कर देंगे।उनका यह दावा कितना सही साबित होता है यह देखना बाकी है।धर्म, श्राद्ध पक्ष की मान्यताओं में  खुद को कट्टर दिखा रही कांग्रेस के इस आचरण से आमजन को भी यह अहसास हो गया है कि वह भाजपा को जवाब दे रही है कि हम भी तुम से कम नहीं। कमलनाथ एकाधिक बार कह चुके हैं कि प्रत्याशियों के नामों की विधिवत घोषणा भले ही  श्राद्ध पक्ष के बाद करें लेकिन जिन्हें चुनाव लड़ना है उन्हें तैयारी करने का इशारा तो बहुत पहले ही कर दिया है। शायद यह उनके इशारे का ही असर है कि क्षेत्र र्रमांक एक में संजय शुक्ला एक तरह से बीते वर्षों में हर दिन इलेक्शन मोड पर रहे हैं। क्षेत्र क्रमांक दो में निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे से बेहतर प्रत्याशी कांग्रेस के पास है नहीं। देखना है इस बार रमेश मेंदोला सर्वाधिक मतों से जीतने का आंकड़े में इस बार वृद्धि कर पाएंगे या नहीं। 
                   क्षेत्र क्रमांक तीन से कांग्रेस के दीपक (पिंटू) जोशी के साथ दावेदारी में अरविंद बागड़ी भी उसी तेजी से कदमताल कर रहे हैं।इन दोनों में से किसका नाम फायनल होगा यह सूची से ही साफ होगा-पूर्व विधायक अश्विन जोशी ने भी अपने प्रयास बंद नहीं किए हैं। क्षेत्र क्रमांक चार में चल रहे उतार-चढ़ाव में पिछले कुछ दिनों से अक्षय कांति बम जरूर आगे हुए हैं, शायद वजह यही कि कांग्रेस को हर तरह से सम्पन्न करने के सपने को पूरा करने में अक्षय कोई कसर नहीं छोड़ रहे।भाजपा ने तमाम गणित और अंदरुनी रिपोर्ट-सर्वे आदि के आधार और शिवराज सिंह की सिफारिश पर विधायक मालिनी गौड़ पर भरोसा किया है तो यह देखना भी रोचक होगा कि वे कितने अधिक मतों से जीतती हैं। क्षेत्र क्रमांक पांच में सत्यनारायण पटेल आश्वस्त हैं कि उन्हें ही चुनाव लड़ना है लेकिन सामना किससे करना है यह तय नहीं है क्यों कि क्षेत्र क्रमांक तीन की ही तरह भाजपा ने इस क्षेत्र से भी प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया है। यह भी तय है कि कांग्रेस प्रत्याशी को भाजपा प्रत्याशी के साथ अपने दल के दावेदार और उनके समर्थकों से भी जूझना पड़ेगा। राऊ में विधायक जीतू पटवारी अपनी जीत को लेकर अभी से आशान्वित जरूर हैं लेकिन यह भूल रहे हैं कि जिन मधु वर्मा को पहले हराया था वो भी अपनी कमजोरियों की समीक्षा कर चुके हैं।
सांवेर में रीना सेतिया को भरोसा है कि पिता-पूर्व विधायक प्रेमचंद गुड्डू के संबंध और खुद उनकी मेहनत टिकट मिलने में मददगार रहेगी।कांग्रेस को यदि सांवेर ग्रामीण क्षेत्र से जीत का भरोसा है तो इस क्षेत्र वाले दो शहरी वार्ड पिछले चुनाव में भी सिलावट के लिए सहायक साबित हुए थे।देपालपुर में विशाल पटेल का इस बार जीतना तभी संभव है जब भाजपा प्रत्याशी मनोज पटेल का विरोध करने वाले विभिन्न समाज और भाजपा कार्यकर्ता हर तरह से मदद की उदारता दिखा दें। 
                         महू में भाजपा डॉ निशांत खरे, कविता पाटीदार में से किसे मौका देगी इसका इंतजार कांग्रेस से अधिक राम किशोर शुक्ला कर रहे हैं। भाजपा से कांग्रेस में आए शुक्ला को तैयारी करने का इशारा दे चुके बड़े नेताओं का मन नहीं डोला तो शुक्ला ही यहां से लड़ेंगे-स्थानीय प्रत्याशी की भावना कांग्रेस का कितना सहारा बनेगी यह देखना होगा।

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