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विक्रम विश्वविद्यालय में 8 साल में पहली बार प्रवेश परीक्षा में मूल्यांकन प्रक्रिया में होगा बदलाव


उज्जैन पीएचडी कांड के बाद अब विक्रम विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश परीक्षा के मूल्यांकन में बड़ा बदलाव करेगा। इस साल होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा में मैन्युअल मूल्यांकन नहीं होगा। ओएमआर मशीन (स्कैनर) के माध्यम से पीएचडी प्रवेश परीक्षा की ओएमआर शीट को जांचा जाएगा। विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा शुरू होने के बाद 8 साल में पहली बार मूल्यांकन की प्रक्रिया में यह बदलाव होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा प्रवेश परीक्षा के माध्यम से पीएचडी में प्रवेश देने के नियम लागू किए जाने के बाद विक्रम विश्वविद्यालय में वर्ष 2016 से पीएचडी प्रवेश परीक्षा शुरू की गई थी।

तब से ही पीएचडी की प्रवेश परीक्षा ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन) शीट पर आयोजित करवाई जा रही हैं। जबकि नियमानुसार ओएमआर शीट पर होने वाली परीक्षा का मूल्यांकन स्कैनर द्वारा ओएमआर शीट को जांचने के बाद किया जाना चाहिए लेकिन विश्वविद्यालय में इसके उलट ओएमआर शीट का मैन्युअल मूल्यांकन ही जारी रखा। मैन्युअल मूल्यांकन होने के कारण ही पिछले वर्ष पीएचडी प्रवेश परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं और अपात्रों को ओएमआर शीट में कांट-छांट कर पास कर पीएचडी में प्रवेश दे दिया गया।

पीएचडी कांड को लेकर घिरा विश्वविद्यालय प्रशासन अब पीएचडी प्रवेश परीक्षा को लेकर सतर्क है। इसलिए इस वर्ष प्रवेश परीक्षा में मैन्युअल मूल्यांकन को खत्म करने का काम शुरू हो गया है। जल्द ही रिक्त सीटों की जानकारी एकत्रित कर प्रवेश परीक्षा की तारीख घोषित की जाएगी। विवि में पीएचडी केंद्रीय क्रियान्वयन एवं प्रवेश समिति ने भी 2022 में हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा में ओएमआर स्कैनर द्वारा ही जांच कर परिणाम घोषित करने की अनुशंसा की थी।

समिति की यह बैठक 27 जनवरी 2022 को हुई थी। समिति में अध्यक्ष प्रो. डीके कुमावत और सचिव उपकुलसचिव (अकादमिक) सहित कुल 11 प्रोफेसर शामिल थे। समिति की अनुशंसा के विपरीत मार्च 2022 में हुई पीएचडी प्रवेश परीक्षा में मैन्युअल मूल्यांकन करवाया गया। इस वर्ष होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा में मैन्युअल मूल्यांकन नहीं होगा। स्कैनर के माध्यम से ही ओएमआर शीट जांची जाएगी।

प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, कुलपति, विक्रम विवि विश्वविद्यालय प्रशासन इस वर्ष होने वाली पीएचडी की प्रवेश परीक्षा को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के माध्यम से कराने की तैयारी कर रहा था। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा सीयूईटी की परीक्षा करवाई जाती है। विश्वविद्यालय ने इसके लिए एनटीए से पत्र व्यवहार भी किया लेकिन एनटीए ने नोटिफिकेशन जारी कर यह स्पष्ट कर दिया कि वह इस वर्ष पीएचडी प्रवेश परीक्षा का संचालन नहीं करेगा।

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