वर्षा ऋतु में होने वाली बीमारियॉं एवं उनके बचाव के उपाय
उज्जैन 13 जुलाई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.दीपक पिप्पल ने बताया कि वर्षा
ऋतु में मुख्य रूप से दूषित जल के उपयोग के कारण होने वाली बीमारियां ही प्रमुख रूप से देखी
जाती है। दूषित जल के सेवन से टाइफाईट पीलिया, डायरिया, पैचिश एवं हेजा जैसी बीमारियां भी
फैलती हैं। अतः भोजन बनाने में एवं पेयजल के रूप में शुद्ध उबला हुआ जल का उपयोग करें। कुछ
भी खाने के पहले व शौच के पश्चात साबुन से अवश्य हाथ धोयें।
शुद्ध पेयजल की कमी के कारण देश में जलजनित रोगों से सबसे अधिक यानि लगभग 80
प्रतिशत मौतें होती हैं। बारिश में यह समस्या बढ़ जाती है। पानी और अस्वच्छ आदतों से फैलने वाली
बीमारियों को मोटे तौर पर दस्त/कृमि संक्रमण/त्वचा और आंखों के रोग/मच्छरों एवं मक्खियों से
फैलने वाले रोग सम्मिलित हैं।
दस्त रोग- दूषित पानी के कारण प्रायः दस्त रोग फैलता है। मुख्य रूप से बच्चों में यह
अधिक गंभीर रूप धारण कर सकता है। यह रोग इसलिये भी गंभीर है क्योंकि शरीर में से पानी
निकल जाने से बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। दस्त रोग की रोकथाम हेतु प्रायः शुद्ध पेयजल एवं
शुद्ध भोजन का उपयोग करें। सड़े-गले फल एवं खाद्य पदार्थो का उपयोग न करें, खाना खाने से
पहले एवं शौच के बाद साबुन से अवश्य हाथ धोयें, खुले शौच न करें शौचालय का उपयोग करें। घर के
आसपास साफ-सफाई रखें, दस्त लग जाने पर ओ.आर.एस. एवं जिंक सल्फेट गोली का उपयोग
चिकित्सक की सलाह अनुसार करें। खाने-पीने की वस्तुओं को ढंककर रखें, मक्खियों से बचाव करें,
हरी सब्जी एवं फलों को उपयोग करने के पहले साफ पानी धोकर उपयोग करें।
आंखों का रोग - मानसून के दौरान बहुत से लोगों को आंखो के रोग हो जाते है। आंखों में
खुजली एवं आखें लाल हो जाती है, चिपचीपी हो जाती है, सफेद और पीले रंग का पदार्थ जमा हो
जाता है। इस रोग को आई-फ्लू, कंजक्टिवाईटिस या आखें आना के रूप में जाना जाता है।
कंजेक्टिवाइटिस का संक्रमण आपसी संपर्क के कारण फैलता है। इस रोग का वायरस संक्रमित मरीज
के उपयोग की किसी भी वस्तु जैसे, रूमाल, तौलिया, टॉयलेट की टोंटी, दरवाजे का हैंडल, टेलीफोन के
रिसीवर से दूसरों तक पहुंचता है। आंखे आने पर बार-बार अपने हाथ एवं चेहरे को ठंडे पानी से धोयें,
परिवार के सभी सदस्य अलग-अलग तौलिये एवं रूमाल का उपयोग करें, स्वच्छ पानी का उपयोग करें,
बार-बार आंखों को हाथ न लगायें, धूप के चश्मे का प्रयोग करें, चिकित्सक को दिखायें।
मलेरिया/डेंगू रोग - बरसात में मलेरिया/डेगू रोग भी फैलता है जिसमें मरीज को ठण्ड
लगकर बुखार आता है। प्राय: खेत, तालाब, गड्डे, खाई, घर के आसपास रखे हुए टूटे-फूटे डब्बे, पुराने
टायर, पशु के पानी पिने का होद इत्यादि में बरसात के दिनो में जल जमा हो जाता है। इस प्रकार के
भरे हुए पानी में मच्छर के लार्वा पैदा होते हैं जो बाद में मच्छर बनकर रोग फैलाते है। मलेरिया से
बचाव हेतु घर के आसपास जल जमा न होने दें, रूके हुए पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ
ऑईल डालें। कूलर, फुलदान, फ्रिज ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ करें। सोते समय
मच्छरदानी का उपयोग करें। किटनाशक का छिडकाव करवायें, मलेरिया रोग हो जाने पर खून की जांच
अवश्य करायें एवं चिकित्सक की सलाह से पूर्ण उपचार लें।