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सोमतीर्थ कुंड : इधर सफाई, उधर मलबा आ गया


आने वाले सोमवार को सोमवती-अमावस्या है। इस दिन सोम तीर्थ कुंड में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। इसी को ध्यान में रखकर बडऩगर रोड स्थित रणजीत हनुमान मंदिर मार्ग पर प्राचीन सोम तीर्थ कुंड की साफ-सफाई की गई थी। कुंड हाल में पुर्नजीवित की गई चंद्रभागा नदी और शिप्रा नदी के संगम स्थल पर है। जनसहयोग से श्रमदान के बाद चंद्रभागा नदी में प्राकृतिक तौर पर पानी आ गया था।

हाल की वर्षा से चंद्रभागा नदी कल-कल जलप्रवाह होने लगा और पानी कुंड तक तो पहुंच गया,लेकिन साथ में मिट्टी और अन्य मलबा भी आ गया। बता दें कि एक-दो दिन पहले ही पीएचई के अमले ने कुंड को खाली कर इसकी सफाई की गई थी। कुंड में मलबा-कचरा-मिट्टी आने से फिर सफाई की जद्दोजहद करना होगी।

सोमवती हरियाली अमावस्या का संयोग

श्रावण मास में 17 जुलाई को 57 साल बाद सोमवती हरियाली अमावस्या का संयोग बन रहा है। यह स्थिति 57 साल बाद श्रावण अधिक मास में बन रही है। सोमवती हरियाली अमावस्या का पर्व पर शिप्रा व सोमकुंड में पर्व स्नान होगा। शाम को 4 बजे श्रावण मास में भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकलेगी। इससे पहले यह स्थिति 1966 में बनी थी। जिसमें ग्रह नक्षत्रों का आधा से अधिक अनुक्रम उपस्थित था।

ऐसी स्थिति में यह अपने आप में विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है। विशेष यह भी है कि उस समय की स्थिति और इस समय की ग्रह स्थिति में समानता है। 1966 में सोमवती हरियाली (श्रावण अधिक मास) अमावस्या 18 जुलाई को थी और इस बार 17 जुलाई को है।

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