खुशियों की दास्तां-11 जन्म से ही कुपोषण से ग्रसित जुड़वा बहनों को पूर्ण उपचार कर कुपोषण से मुक्त किया गया
उज्जैन 10 जुलाई। उज्जैन के तराना के ग्राम खंबूखेड़ी निवासी नीलेश अपनी दोनों जुड़वा
बच्चियों बेबी और रूद्रांशी जिनकी उम्र दो माह है, के स्वास्थ्य को लेकर काफी चिन्तित रहते थे।
जन्म से ही दोनों बेटियां अधिकांश समय बीमार रहती थी। क्षेत्र के आंगनवाड़ी केन्द्र पर बच्चियों के
स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान बच्चियों का वजन लिया गया, जिसमें दोनों के कुपोषित होने की आशंका
हुई।
क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बच्चियों के माता-पिता को
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तराना में संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र में बच्चियों को भर्ती करने की
सलाह दी गई। स्वास्थ्य केन्द्र के डॉ.अनीश गौरी द्वारा बच्चियों को भर्ती कर आवश्यक उपचार और
एसएसटी के माध्यम से स्तनपान द्वारा आहार प्रदान किया गया। पोषण पुनर्वास केन्द्र में कार्यरत
स्टाफ द्वारा दोनों बच्चियों की पूर्ण निगरानी की गई और उचित देखभाल की गई। इसके फलस्वरूप
दोनों कुपोषण से मुक्त हो सकी। दोनों का वजन भी बढ़ गया। स्वस्थ होने के पश्चात दोनों को
डिस्चार्ज कर दिया गया। बेबी और रूद्रांशी के माता-पिता अब बेहद खुश हैं और शासन द्वारा प्रदान
की गई नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।