बिहार में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जताई राज्यसभा जाने की इच्छा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद प्रदेश में राजनीतिक अटकलों का दौर शुुर हो गया है। दरअसल खुद नीतीश कुमार ने राज्यसभा जाने की इच्छा जताई है। ऐसा एक बार नहीं, कई बार हो चुका है। पटना में 30 मार्च को बिहार विधानसभा में अपने चेंबर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि वह विधायक, लोकसभा सांसद, केंद्र सरकार में मंत्री, बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। अभी भी एमएलसी हैं। अभी तक सिर्फ राज्यसभा की सदस्यता नहीं मिली है। अगर एक बार राज्यसभा की सदस्यता मिल जाए तो सियासी जीवन पूरा हो जाएगा। वैसे ये बातचीत अनौपचारिक थी, लेकिन उनके मन में क्या चल रहा है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
वहीं नालंदा में एक निजी दौरे पर गये नीतीश कुमार से जब पत्रकारों ने पूछा कि आप अपने पुराने संसदीय क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। वहां से कई बार सांसद भी रह चुके हैं, तो क्या फिर से लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा? इसपर उन्होंने कहा कि यह मेरा बिल्कुल निजी दौरा है, क्योंकि 2 साल तक कोरोना काल के कारण मैं नहीं जा पाया था। लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने का इरादा नहीं है। लेकिन यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज्यसभा के सदस्य बनना चाहेंगे, उन्होंने कहा, "मुझे राज्यसभा जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।" साथ में नीतीश ने यह भी कहा कि वह फिलहाल बिहार की सेवा कर रहे हैं और यहां की जिम्मेदारी उनके पास है। लेकिन नीतीश ने राज्यसभा वाली जो बात कही इसके बाद से ऐसी चर्चाएं शुरु हो गई हैं कि नीतीश बिहार की बागडोर दूसरे को सौंप राज्यसभा जा सकते हैं।
किस तरह की हैं चर्चाएं?
वैसे भी बिहार में इस बात की काफी चर्चा है कि BJP यहां अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। VIP के तीन विधायक BJP में शामिल हो गए हैं, जिसके बाद से बिहार विधानसभा में 77 विधायकों के साथ BJP सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बीजेपी के एक विधायक ने दावा किया है कि कांग्रेस के 19 में से 13 विधायक उनके संपर्क में हैं जो जल्द BJP का दामन थामेंगे। ऐसे में नीतीश कुमार के लिए बहुमत को नकारना मुश्किल हो जाएगा।
राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी नीतीश कुमार इतना तो जरुर समझते हैं कि हवा का रुख किस तरफ है। ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर राज्यसभा जाने का फैसला ले लिया, तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। वैसे उनके उपराष्ट्रपति बनने की चर्चा भी जोरों पर है। चर्चाएं हैं कि BJP उनको उपराष्ट्रपति बनाने का ऑफर दे सकती है। इससे उनके राज्यसभा जाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा और वो राज्यसभा के सभापति बन जाएंगे। नीतीश 17 सालों से मुख्यमंत्री हैं और हो सकता है कि राज्य की जिम्मेदारियों से थक गये हों और बतौर राज्यसभा सांसद या उपराष्ट्रपति, शांति से दिन गुजारने की सोच रहे हों।