PF खाताधारकों को मिल सकती है नियमित पेंशन, जानिये क्या हैं इसके नियम
अगर आपके वेतन से PF अमाउंट कट रहा है, तो आप भविष्य में पेंशन के हकदार बन सकते हैं। लेकिन पेंशन उन्हीं को मिल सकती है, जो एंप्लॉइज पेंशन स्कीम (Employees Pension Scheme) 1995 में 16 नवंबर 1995 को या उससे पहले शामिल हुए हों। इसके अलावा कर्मचारी को EPS अकाउंट में कम से कम 10 साल तक अंशदान करना जरूरी होता है। अगर ऐसा है, तो आपको भी पेंशन मिल सकती है।
दरअसल, आपके वेतन से प्रोविडेंट फंड के रूप में कटने वाली रकम दो खातों में जमा होती है, एक PF यानी प्रोविडेंट फंड और दूसरा EPS यानी पेंशन फंड। इसके तहत कर्मचारी के वेतन से कुल 12 प्रतिशत की कटौती होती है और इतनी ही राशि नियोक्ता कंपनी या संस्था, उस कर्मचारी के EPF अकाउंट में जमा करती है। इस तरह जमा हुई आपकी 12 फीसदी सैलरी का 3.67 प्रतिशत हिस्सा आपके EPF अकाउंट में जमा होता है, जबकि कटौती का 8.33 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना में जमा होता है। लेकिन एक नियम यह भी है कि EPS खाते में हर माह अधिकतम 1,250 रुपये की रकम ही जमा की जा सकती है।
मौजूदा नियमों के मुताबिक EPF खाते में किए गए अंशदान का एक हिस्सा EPS खाते में जाता है। यह अंशदान 6500 रुपये और 15000 रुपये प्रति महीने के वेतनमान के हिसाब से किया जाता है। अगर आप इस स्कीम में 1 सितंबर 2014 से पहले जुड़े हैं तो आपको 6500 रुपये प्रति महीने के वेतन के हिसाब से अंशदान करना होगा, जबकि अगर आप उससे बाद इस स्कीम से जुड़े हैं तो आपको 15000 रुपये प्रति महीने की सैलरी पर अंशदान करना होगा।