नर्मदा और गोसंरक्षण को लेकर संगम पर सत्याग्रह शुरू
होशंगाबाद। नर्मदा और गोसंरक्षण को लेकर नर्मदा मिशन से जुड़े कई संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा संत समर्थ भैयाजी सरकार के सानिध्य में मां नर्मदा गोसंरक्षण सत्याग्रह किया जा रहा है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मां नर्मदा की पूजन अर्चन के साथ सत्याग्रह सुबह 9 बजे से शुरू हो गया है। जिसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के सैंकड़ों लोग जुड़ते जा रहे हैं। बांद्राभान में नर्मदा और तवा के संगम स्थल पर विशेष स्नान पर्व के अवसर पर सुबह से ही स्नानार्थियों का तांता लगा हुआ है। कोरोना के कारण इस बार प्रशासन ने बांद्राभान मेला को स्थगित कर दिया है। लेकिन आस्थावान लोग इस रोक के बाद भी नहीं माने बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंच गए। जहां पर पूजन अर्चन के आयोजन जारी हैं।
जनपद पंचायत के द्वारा भी बीते 195 वर्ष की परंपरा के अनुसार संगम स्थल पर पहुंच कर मां नर्मदा की पूजन अर्चन की गई। इस मौके पर जनपद अध्यक्ष संगीता नरेंद्र सौलंकी, उपाध्यक्ष अतुल गौर व जनपद की प्रभारी सीईओ नम्रता बघेल, पं महेश दुबे सहित जनपद पंचायत के स्टाफ ने पूजन की। पूजन के बाद जनपद अध्यक्ष व अनेक संगठनों के पदाधिकारी भैयाजी सरकार के द्वारा जारी सत्याग्रह में शामिल हुए।
46 दिन से जारी है सत्याग्रह
भैयाजी सरकार धुनि वाले द्वारा विगत 46 दिन से अन्न त्याग कर मां नर्मदा गौ सत्याग्रह किया जा रहा है। जबलपुर मंडला आदि अनेक नर्मदा तट पर उनके समर्थकों के द्वारा इस सत्याग्रह को समर्थन दिया जा रहा है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर ब्रांदाभान में सत्याग्रह प्रारंभ करने से पूर्व नवदुनिया से चर्चा के दौरान संत भैयाजी सरकार ने कहा कि माँ नर्मदा के रिपेरियन जोन जो कि 300 मीटर में हाई कोर्ट द्वारा निर्धारित किया गया है। इस तटीय क्षेत्र को संरक्षित करने और माँ नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा देने की मांग, गो संरक्षण, गौचर विकास की मांग को लेकर सत्याग्र्रह जारी है। उन्होंने बताया कि नर्मदा गो सत्याग्रह जनजागरण जन आंदोलन समिति मध्य प्रदेश के द्वारा यह सत्याग्रह किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश के अनेक संगठन शामिल हो रहे हैं।
ये हैं प्रमुख मांगे
- हाईकोर्ट के आदेशानुसार 300 मीटर तक प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर तत्काल संरक्षित किया जाए।
- मां नर्मदा को जीवंत इकाई का दर्जा देकर ठोस नीति व कानून बनाए जाए।
- खनन माफिया, पूंजीपतियों द्वारा लगातार हो रहे हरित क्षेत्र में अवैध निर्माण, अतिक्रमण, भंडारण, खनन तत्काल प्रतिबंधित कर अवैध साधन संसाधन भंडारण सामग्री को राजसात किया जाए।
- अमरकंटक तीर्थ क्षेत्र में हो रहे निर्माण अतिक्रमण खनन पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाए।
- नर्मदा के जल में मिल रहे गंदे नालों विषेले रासायनों को बंद करने व अपशिष्ट द्रव्य पदार्थों के प्रबंधन हेतु प्रभावी ठोस कार्ययोजना लागू की जाए।
- बेसहारा गौ वंश के लिए आरक्षित नगरीय निकायों की गौचर भूमि को संरक्षित किया जाए एवं अवैध अतिक्रमण निर्माण कब्जा से मुक्त कराया जाए।
- नर्मदा पथ के तटवर्ती गांव नगरों को जैवविविधता क्षेत्र घोषित कर समग्र गौ-नीति, गौ अभ्यारण बनाया जाय।