आज रात 1.08 बजे 92000 किमी प्रति घण्टा की रफ्तार से धरती के पास से गुजरेगा विशाल उल्कापिण्ड
नई दिल्ली । आज रात धरती के निकट अंतरिक्ष में अद्भुत घटना होने वाली है। एक विशालकाय उल्कापिंड बिल्कुल धरती के नजदीक से गुजरेगा, जिसका आकार दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा के बराबर है। खगोलीय वैज्ञानिकों के मुताबिक यह विशालकाल उल्कापिंड धरती की ओर तेजी से बढ़ रहा है और रात को धरती के बिल्कुल नजदीत से गुजरेगा। नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती के पास से जब ये उल्कापिंड गुजरेगा, उस समय इसकी गति 90000 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड होगी। यह स्पीड किसी मिसाइल की गति से ज्यादा है।
उल्कापिंड का नाम 153201 2000 WO107
नासा के वैज्ञानिकों ने इस उल्कापिंड को 153201 2000 WO107 नाम दिया गया है और यह 29 नंवबर की रात धरती से मात्र कुछ हजार किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। फिलहाल गति करीब 56 हजार मील प्रति घंटे यानि 92 हजार किलोमीटर प्रति घंटा है। काफी लंबे समय से नासा के वैज्ञानिक इस विशालकाय उल्कापिंड पर नजर रखे हुए है। आज रात को जब यह उल्कापिंड धरती के पास से गुजरेगा, तब इसकी धरती से न्यूनतम दूरी लगभग 43 लाख किलोमीटर होगी। हालांकि इसके धरती से टकराने की आशंका नहीं है। यह घटना आज रात को करीब 1:08 बजे होगी, जब यह उल्कापिंड धरती के बिल्कुल नजदीक होगा।
उल्कापिंड का आकार
नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक इस विशालकाय उल्कापिंड की चौड़ाई 500 मीटर से ज्यादा और लंबाई 800 मीटर से अधिक है, जबकि दुबई में स्थित बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 830 मीटर है। अंतरिक्ष में इस आकार के उल्कापिंड का विशाल आकार का माना जाता है क्योंकि इतना बड़ा उल्कापिंड यदि धरती से टकराता है तो भारी तबाही ला सकता है। 153201 2000 WO107 नाम के इस उल्कापिंड की गति मिसाइल से भी कई गुणा तेज है। आमतौर पर मिसाइल की औसत गति 4000-5000 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच होती है, लेकिन इसकी गति कहीं ज्यादा है।
गौरतलब है कि भारत में इसी साल जून में राजस्थान में एक अजीबो-गरीब नजारा देखा गया था। यहां सुबह-सुबह आसमान में एक चमकदार वस्तु गिरती नजर आई, जिसे देखने के बाद लोग हैरान रह गए थे। दरअसल ये एक एक उल्कापिंड था, जो जालोर जिले के सांचौर कस्बे में जाकर गिरा था। वहीं चार साल पहले सर्जिकल स्ट्राइल के बाद श्रीनगर में हालात तनावपूर्ण थे। तब उल्कापिंड गिरने की घटना को लोगों ने मिसाइल अटैक मान लिया था और दशहत में आ गए थे।